Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

भाजपा और संघ को उत्तर प्रदेश की सत्ता हाथ से फिसलती दिख रही है : अखिलेश

akhilesh yadav

akhilesh yadav

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्ता हाथ से फिसलती देख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बैठकें कर लोगों को बहकाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

श्री यादव ने रविवार को कहा कि भाजपा सरकार के प्रति गहराते असंतोष से शीर्ष भाजपा नेतृत्व भलीभांति परिचित हो गया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसको सत्ता हाथ से फिसलती नजर आ रही है। इससे हताश-निराश भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक माह में चित्रकूट, वृंदावन और लखनऊ में बैठकें हुई हैं। इन बैठकों का एजेण्डा साजिशी रणनीति बनाना है ताकि किसानों और करोड़ों बेरोजगार नौजवानों से किए गए वादों को किसी तरह भुलाया जा सके और लोगों को बहकाने के लिए नये-नये तरीके ढ़ूंढे जाएं।

उन्होने कहा कि भाजपा की मुसीबत यह है कि साढ़े चार साल की सरकार में भी उसके पास गिनाने के लिए एक भी योजना नहीं है। प्रशासन पर उसकी पकड़ न होने से हर मोर्चे पर विफलता मिली है। हवाई वादों और कागजी सफलताओं के प्रचार से जनता ऊबी हुई है। भाजपा का मातृ संगठन इन हालातों से चिंतित है और लगातार चिंतन-मनन में जुटा है। इन बैठकों से अब तक एक ही निष्कर्ष निकला है कि गुमराह करने की रणनीति ही काम आएगी। पर वे भूलते हैं कि काठ की हाँण्डी बार-बार नहीं चढ़ती है।

कांग्रेस व बसपा के कद्दावर नेताओं ने ग्रहण की समाजवादी पार्टी की सदस्यता

श्री यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने 2017 के संकल्प-पत्र में जो भी वादे किए थे वे सभी धूल चाट रहे हैं। किसानों को उनकी फसल का लाभप्रद मूल्य दिलाने, उनकी आय दुगनी करने के वादे थे पर भाजपा की सरकार ने उल्टे उन पर तीन काले कृषि कानून लाद दिए। इन कानूनों का लाभ पूंजी घरानों और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को मिलना है जबकि किसान की खेती का स्वामित्व भी उसके हाथ से निकल जाएगा। करोड़ों युवाओं को रोजगार देने का वादा भी हवा में झूलता रहा। महिलाओं के सम्मान की सिर्फ चर्चा की गई उन्हें भाजपा राज में सबसे ज्यादा दुष्कर्म, अपहरण और हत्या का शिकार होना पड़ा है। महिलाओं का मान-सम्मान और जीवन असुरक्षित है। व्यापारियों के साथ लूट और हत्या की घटनाएं होती रही हैं।

उन्होने कहा कि भाजपा की वादों की भूलभुलैया जब बेनकाब होने लगी है तो भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सत्ता पर काबिज होने के लिए व्याकुल हो उठा है। चित्रकूट में पांच दिन, वृंदावन में 5 दिन की कार्यशाला के बाद लखनऊ में मैराथन बैठकों से जाहिर हो गया है कि भाजपा के समानांतर आर.एस.एस. है और भाजपा उसकी कठपुतली है। इन दोनों के चंगुल से लोकतंत्र को मुक्त कराने का काम समाजवादी पार्टी ही कर सकती है।

उच्च न्यायालय ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने से नौकरी से बर्खास्तगी को माना गलत

भाजपा सरकार और संघ की सक्रियता के चलते वस्तुतः प्रदेश की अस्मिता को भी खतरा है। भारत का शासन संविधान से चलता है पर संघ-भाजपा अपना नया संविधान थोपना चाहते हैं। इस विधान में विकास का स्थान नहीं है। मंहगाई और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। कोरोना संक्रमण के दौर में प्रदेश की जनता को आक्सीजन, बेड और दवाओं के अभाव में भाजपा सरकार ने तड़प-तड़प कर मरने को छोड़ दिया। रोजगार छिन गए। उद्योगधंधे और व्यापार बंद हो गए। सरकार की कुनीतियों से जनता त्राहि-त्राहि कर उठी है।

हाल के पंचायत चुनावों में भाजपा ने अपने आचरण से दिखा दिया है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों से उसका बैर है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर अपना एकाधिकारी शासन स्थापित करने का षड्यंत्र कर रही है। आगामी विधानसभा चुनावों में वह समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए कोई भी साजिश कर सकती है। अभी भी वह प्रशासनिक मशीनरी के द्वारा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को फर्जी केसों में फंसाने व धमकी देने से बाज नहीं आ रही है।

समाजवादी पार्टी भाजपा की इस तरह की धमकियों से डरने वाली नहीं है। आगामी विधान सभा चुनाव लोकतंत्र, संविधान और समाजवाद तीनों की सुरक्षा के लिए लड़े जाएंगे और भाजपा की तानाशाही व्यवस्था को रास्ता दिखाया जाएगा। जनता किसी भुलावे में नहीं आने वाली है। प्रशासन की ताकत से 15 प्रतिशत की स्वार्थपूति के लिए 85 प्रतिशत को दासता की बेड़ियों में जकड़े रखने की भाजपाई-संघी साजिशों का जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। 2022 में समाजवादी सरकार पर ही जनता का भरोसा है।

Exit mobile version