लखनऊ। देश की राजनीति की दिशा तय करने वाले घनी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की उम्मीदों को करारा झटका दिया है।
हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का दावा करते हुये मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होने एक्स पर पोस्ट किया “ भारत की जनता-जनार्दन ने लगातार तीसरी बार एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्रदान किया है। अरुणाचल प्रदेश , ओडिशा और आंध्र प्रदेश में एनडीउ को पूर्ण बहुमत का जनादेश प्राप्त हुआ है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीति , नेतृत्व और निर्णयों पर देश की जनता के विश्वास की मुहर है। सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई।”
दूसरी ओर राज्य की जनता ने एग्जिट पोल से विपरीत चुनाव परिणामों ने BJP और सहयोगी दलों के प्रति निराशा के भाव को व्यक्त किया है जिसका फायदा समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन को मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से जीत की हैट्रिक बनाने में सफल रहे हैं वहीं 2019 के चुनाव में हार के साथ उत्तर प्रदेश से विदा होने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार न सिर्फ अपने परिवार की सीट रायबरेली को बचा कर दमदार वापसी की है।
पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक (पीडीए) कार्ड खेलने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जोरदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी की उपस्थिति दर्ज की है।
42728 मतों से विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी जगदम्बिका पाल
वर्ष 2019 के चुनाव में BJP ने अकेले दम पर 80 में से 62 सीटों पर जीत का परचम लहराया था जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (एस) दो सीटों पर विजयी रही थी। इस बार भाजपा ने 33 , अपना दल ने एक और राष्ट्रीय लोकदल ने दो सीटों पर राजग की उम्मीदों को हवा दी वहीं सपा 37 और कांग्रेस छह सीटों पर जगह बनाने में सफल नजर आ रही है। 2019 का चुनाव को सपा ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिल कर लड़ा था जिसमें दोनो ही दलों को मुंह की खानी पड़ी थी मगर इस बार परिस्थितियां जुदा थीं। अखिलेश और राहुल की जोड़ी महंगाई , बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में सफल रही। इसके अलावा दस किलो फ्री राशन , महिलाओं को 8500 रुपये हर महीने के मुफ्त व्यवस्था का प्रस्ताव रास आया जबकि युवाओं को भी अप्रिंटिशिप के तौर पर एक लाख रुपये हर साल मिलने की आशा जगी जिसका सीधा असर चुनाव परिणाम के तौर पर देखने को मिला।
इसके साथ ही इंडिया गठबंधन को मुस्लिम वर्ग का पूरा साथ मिला , वहीं संविधान की दुहाई देकर आरक्षण खत्म करने की BJP के प्रयास के डर ने भी दलित और पिछड़े वर्ग पर काम किया जिसका सीधा फायदा गठबंधन को मिला।
संभल , एटा , बदायूं , मोहनलालगंज , इटावा, कन्नौज , हमीरपुर , फतेहपुर , घोसी , बलिया , सलेमपुर , जौनपुर , रामपुर , फिरोजाबाद , मैनपुरी , सुलतानपुर , मछलीशहर , कैराना , खीरी , मुजफ्फरनगर , मुरादाबाद , अनोला , धौरहरा , प्रतापगढ़ , जालौन , बांदा , कौशांबी , फैजाबाद , अंबेडकरनगर , श्रावस्ती , बस्ती , संतकबीरनगर , लालगंज , आजमगढ़ , गाजीपुर , चंदौली और राबर्टसगंज में सपा या तो जीत दर्ज कर चुकी है या जीतने की दहलीज में है वहीं 2019 में मात्र रायबरेली में सिमटने वाली कांग्रेस ने इस बार रायबरेली , अमेठी के अलावा सीतापुर , सहारनपुर , इलाहाबाद और बाराबंकी में विजय पताका लहरायी है।
BJP के लिये मौजूदा चुनाव प्रदेश में कड़वा अनुभव साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह क्रमश: वाराणसी और लखनऊ में विजयी रहे हैं हालांकि उनका मत प्रतिशत घटा है वहीं अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव हार गयी हैं। मेरठ में धारावाहिक रामायण के पात्र अरुण गोविल विजयी घोषित किये गये हैं वहीं गोरखपुर में भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और सांसद रविकिशन शुक्ला एवं मथुरा से बालीवुड अभिनेत्री एवं सांसद हेमामालिनी भारी अंतर से विजयी हुयी हैं।
गौतमबुद्धनगर में डा महेश शर्मा ने साढे पांच लाख से अधिक अंतर से जीत दर्ज की है वहीं गाजियाबाद से अतुल गर्ग तीन लाख से अधिक मतों से जीते हैं। इसके अलावा अमरोहा , बुलंदशहर , हाथरस , फतेहपुर सीकरी , आगरा , पीलीभीत , बरेली , हरदोई , उन्नाव , कानपुर , झांसी , फूलपुर , बहराइच , केसरगंज , डुमरियागंज , गोंडा , महराजगंज , कुशीनगर , भदोही और देवरिया में भाजपा उम्मीदवारों ने भगवा लहराया है। अलीगढ , शाहजहांपुर , मिश्रिख , अकबरपुर में भी भाजपा लगभग जीत दर्ज कर चुकी है हालांकि बांसगांव में भाजपा के कमलेश पासवान तीन हजार मतों से आगे चल रहे हैं।