भाजपा के सभी निर्णय जनविरोधी हैं। नोटबंदी-जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया, व्यापार-धंधा चौपट हो गया है। तीन काले कृषि कानून लाकर किसान और खेती को व्यापारिक घरानों का बंधक बनाने की साजिश हुई। जनता महंगाई से और नौजवान बेरोजगारी से परेशान हैं। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही।
अखिलेश यादव पार्टी कार्यालय, लखनऊ में एकत्र जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन से डरी हुई भाजपा द्वारा तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा उसकी चतुराई है। उसकी नीयत में खोट है। स्वयं उनकी पार्टी के नेता ही यह कह रहे हैं कि भाजपा सरकार फिर कृषि बिल ला सकती है। किसान समझ रहे हैं कि उन्हें भाजपा सरकार धोखा देना चाहती है। वह इसीलिए तत्काल आंदोलन वापस नहीं कर रहे हैं।
यादव ने कहा कि भाजपा किसानों की हितैषी नहीं, विरोधी है। उसने किसानों की फसल की एमएसपी पर ही बिक्री से अभी तक किनारा कर रखा है। समाजवादी सरकार ने मंडी की स्थापना की थी और सड़के बनाई थीं ताकि किसान अपनी फसल सुगमता से बेच सके। भाजपा के कानूनों से मंडियां ही बेकार हो गई।
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कहा कि इस साढ़े चार साल से अधिक की अवधि में उसने विकास का कोई काम नहीं किया। समाजवादी सरकार के समय हुए कामों को ही अपना बताकर वह वाहवाही कराती रही। गिनाने को उसके पास एक काम नहीं है। एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। समाजवादी सरकार में लोक भवन का निर्माण हुआ था ताकि वहां से जनता को न्याय मिल सके। जेपी इन्टरनेशनल सेंटर, इकाना स्टेडियम, मेट्रो, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, अवध शिल्पग्राम, जनेश्वर मिश्र पार्क, समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ये सभी समाजवादी सरकार की देन है।