लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपचुनाव के जीत से लबरेज है। इसके बाद अब पंचायत चुनाव की ओर अग्रसर हो रही है। गांवों में अपनी पैठ बनाने के लिए पार्टी ने अपने कील कांटे दुरूस्त करने शुरू कर दिए हैं। दीपावली के बाद बड़े स्तर पर पंचायत चुनावों की रणनीति बनायी जाएगी। यह पहला मौका होगा जब भाजपा वृहत स्तर पर पंचायत चुनाव में उतरने जा रही है।
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बता दें कि पिछले चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत में अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे थे। इस बार संभावना है कि शायद प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव में पार्टी सिंबल कराने के लिए कोई पॉलिसी बना दे। पॉलिसी न बनने पर भी भाजपा अपने समर्थित प्रत्याशियों के साथ मैदान में बाजी मारने के लिए जोर आजमाइश करेगी।
पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक मतदाता सूची बनाने का काम चल रहा था। पार्टी को सक्रिय करने के लिए नीचले स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं। चुनाव किस स्तर पर लड़ा जाएगा अभी यह तय नहीं हुआ है। पार्टी का उद्देश्य है कि हर चुनाव में मजबूत भागीदारी हो।
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यूपी में पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनने के बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है, हालांकि शासन स्तर पर इसका भी मंथन शुरू हो गया है कि कब चुनाव कराना ठीक रहेगा? वैसे इस साल यह चुनाव नहीं होंगे, अब 2021 में यह संभव हो सकेगा। बताया जा रहा है कि अप्रैल या मई में यह चुनाव हो सकते हैं। इसी के हिसाब से तैयारी चल रही है।
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वैसे कई जिलों में कुछ ग्राम पंचायतों के नगर निगम या नगर पंचायतों में शामिल करने से जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के वार्ड की सीमा प्रभावित हुई है। इस कारण यहां नए सिरे से परिसीमन करना पड़ रहा है। इसके लिए शासन की ओर से सभी संबंधित जिलों को आदेश जारी कर दिया गया है।