लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने निजीकरण की मुहिम चलाकर युवाओं के रोजगार के अवसरों को बेच डाला है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार चलाने की बजाय देश के साधनों और संसाधनों का बाजार लगा रही है। इसने देश-प्रदेश में टोल, मण्डी, सरकारी माल, आईटीआई, पाॅलिटेक्निक, हवाई अड्डा, रेल सहित बीमा कम्पनी के निजीकरण से रोजगार के अवसरों को बेच डाला है। रोजगार की स्थिति पिछले 15 सालों में सबसे खराब है। नौकरियां मिलने के बजाय छूट रही हैं।
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श्री यादव ने कहा कि कम्पनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। रेलवे अस्पतालों को बेचने के लिए टेण्डर मांगे गए हैं। डेढ़ साल तक मंहगाई भत्ता बंद करने के बाद रेलवे में सेवानिवृत्ति के बाद खाली पदों में 50 प्रतिशत की समाप्ति की रणनीति बनी है। करीब डेढ़ लाख रेल कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी होनी है। भारतीय रेल ने 109 रूट पर अत्याधुनिक प्राइवेट ट्रेन चलाने का फैसला किया है। इसमें विदेशी कम्पनियां भी शामिल हो सकती है।
उन्होने कहा कि देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 से पांच करने की तैयारी है। उनका निजीकरण होगा। पिछले वर्ष 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला लिया गया। अब सरकार उन बैंकों की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी कर रही है, जिनका विलय नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार के प्रस्ताव पर अमल हुआ तो जल्द ही पुलिस विभाग में 50 से अधिक सेवाएं पूर्ण या आंशिक रूप से निजी हाथों में होंगी। बीमा कम्पनियों का भी निजीकरण प्रस्तावित है। एयरपोर्ट तो प्राईवेट कम्पनियों को दे ही दिये गये हैं। तीन लाख करोड़ की सम्पत्ति वाले बीएसएन एल को 950 करोड़ रूपये में बेचने की तैयारी है।
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार तो अपनी डांवाडोल आर्थिक स्थिति के कारण व्यापक स्तर पर सरकारी सेवाओं को निजी हाथों में देने जा रही है लेकिन इसके दुष्प्रभावों के बारे में उसे चिंता नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि भारत में 40 करोड़ रोजगार जा सकते हैं। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे महायुद्ध के बाद कोरोना काल में यह सबसे भयानक संकट की आहट है। श्रमिकों और व्यवसायों को तबाही का सामना करना पड़ेगा।
समझ नहीं आता भाजपा सरकार चला रही है या देश के साधनों और संसाधनों का बाज़ार लगा रही है. इन्होंने प्रदेश-देश में टोल, मंडी, सरकारी मॉल, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, हवाई अड्डा, रेल के साथ-साथ बीमा कंपनी और निजीकरण से युवाओं के रोज़गार के अवसरों तक को बेच डाला है.#नहीं_चाहिए_बेचू_सरकार pic.twitter.com/ofcFa8jsLe
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 10, 2020
समाजवादी पार्टी यह कहती रही है कि भाजपा की गलत नीतियों नोटबंदी, दाषपूर्ण जीएसटी, आर्थिक अस्थिरता के डर और कुछ अपने चहेते पूंजीपतियों को बचाने और उनको लाभ पहुंचाने के कारण देश की जीडीपी में भीषण गिरावट आई है। आजाद भारत के इतिहास में इस भाजपा सरकार में देश से अधिकारिक रूप से सबसे ज्यादा पैसा विदेशों में गया है। भारत की अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर है।
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उन्होने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के विरोध में अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखने वाले युवा समाजवादी सिपाहियों पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाती है। बेरोजगारों की जायज मांग उठाने वालों के खिलाफ यह कायराना हरकत है। समाजवादी नौजवान सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे। समाजवादी सत्य पर डटे रहेंगे और अन्याय नहीं सहेंगे।
युवाओं ने वस्तुतः भाजपा के शासनकाल की उल्टी गिनती की शुरूआत कर दी है। कल नौजवानों के समर्थन में समाजवादी साथियों ने मोमबत्तियां जलाकर युवाक्रान्ति की दिशा में सार्थक पहल की है। भाजपा को नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद करना चाहिए।