यूपी भाजपा के विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को पांच साल की सजा होने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि विधायक खब्बू तिवारी को सजा होने के कारण उनकी सदस्यता निरस्त की गई है।
उन्हें फर्जी मार्क्सशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने के करीब 29 साल पुराने मामले में अक्तूबर 2021 में सजा सुनाई गई थी। घटना 1992 की है। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी ने 18 फरवरी 1992 को इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू, फूलचंद यादव और कृपा निधान तिवारी के खिलाफ फर्जी मार्क्सशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने की एफआईआर रामजन्मभूमि थाने में लिखाई थी।
मामले में विवेचना के बाद विवेचक ने सभी लोगों के खिलाफ 419, 420 समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया।
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निचली अदालत ने वर्ष 2018 में मामले को विचारण के लिए सेशन के सुपुर्द किया। इतने लंबे अंतराल के दौरान वादी प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा मामले में अन्य गवाह भी मर गए। तब मामले में दूसरे गवाह प्रस्तुत किए गए थे।
मामले में कोर्ट ने विधायक को पांच साल की सजा व 13 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में आरोप था कि इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू (वर्तमान में गोसाईगंज से भाजपा विधायक) ने 1990 में बीएससी प्रथम वर्ष की मार्कशीट में कूट रचना करके बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया था।