यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गईं हैं। सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी जहां शहर से गांव तक के निवासियों के बीच अपनी योजनाओं-परियोजनाओं से पैठ बनाने में जुटी है, वहीं भाजपा संगठन भी बूथ स्तर तक अपनी स्थिति को और मजबूत करने में जुटा हुआ है। भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का दावा करते हुए यूं तो सपा, बसपा और कांग्रेस भी चुनावी तैयारियां कर रही हैं, लेकिन बीजेपी तैयारियों में सबसे आगे है।
अब दिल्ली में दो दिन यानी 28 और 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बीजेपी के दिग्गज बैठेंगे। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी शिरकत करेंगे। सांसदों से उनके विचार और सुझाव जाने जाएंगे, उनके कुछ सवाल भी होंगें, जिसपर सरकार और संगठन अपना पक्ष रखेगा। इस तरह से दो दिवसीय मंथन में मिशन 2022 की राह निकाली जाएगी, जिसराह पर विपक्ष टिक न सके।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद की 5 सीटें भी खाली हैं, जिनमें से चार सीटों पर राज्यपाल को मनोनयन करना है। बैठक के बाद यह सूची भी सामने आ जाएगी और म़ंत्रिमंडल विस्तार मे जो छह नामों की चर्चा हो रही हैं वो भी नाम सामने आ जाएंगे।
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गौरतलब है कि विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर है, और ऐसे मे बीजेपी इस बैठक के बाद एक संदेश देने की कोशिश करेगी और इसके साथ ही अगस्त से पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित सभी बड़े नेताओं के दौरे शुरू हो जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक पीर्टी जल्द ही अपने विधायकों का सर्वे करवाने जा रही है। कहा ये भी जा रहा है कि बेजीपी के मौजूदा करीब 30 से 35 फीसदी विधायकों के टिकट कट सकते हैं। जिसमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं। इसी के आधार पर नये चेहरों को मौका दिया जाएगा।