नई दिल्ली। देश में तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान आंदोलन में तहत गुरुवार को जगह-जगह ट्रेनें रोकी गईं। आंदोलन का हरियाणा, पंजाब में व्यापक असर हुआ तो पश्चिमी यूपी में भी कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं है।
गाजियाबाद-हापुड़ में भी कई ट्रेनों को रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस दौरान किसी भी यात्री को किसी तरह से परेशान न होने का दावा किया गया है, क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पहले ही साफ कर दिया था कि किसान किसी भी यात्री को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
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12 बजे से शाम चार बजे तक चलने वाले इस आंदोलन के दौरान किसानों ने यात्रियों को चाय-पानी पिलाकर स्वागत किया गया और उन्हें बताया कि वे इन कानूनों का विरोध क्यों कर रहे हैं? किसानों ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए उनसे क्षमा भी मांगी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उनका आज का कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है।
ट्रेन रोको आंदोलन को बेहद सफल बताते हुए किसान नेता सुखनाम सिंह ने कहा कि आठ दिसंबर के भारत बंद कार्यक्रम की तरह आज ट्रेन रोको अभियान भी पूरी तरह सफल साबित हुआ है। आज के आंदोलन की सफलता ने यह भी बता दिया है कि किसान केवल एक-दो कार्यक्रमों को सफल बनाकर थकने वाला नहीं है, बल्कि वह लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। अगर सरकार नहीं मानती है, तो वे उसे सत्ता से उतारने तक आंदोलन करने के लिए तैयार है।
गाजीपुर यूपी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने उत्तराखंड भारतीय किसान यूनियन के नेता अशोक रावत ने कहा कि आज तो किसानों ने केवल ट्रेनें रोकी हैंख् लेकिन अगर सरकार उनकी बातें नहीं मानती है तो यही किसान 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी ट्रेन को बेपटरी कर देंगे। रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि उनकी लोकप्रियता तभी सफल होगी जब तक इस देश का जवान और किसान उनके साथ खड़ा है। अगर ये साथ उनके पास से हट गया तो उनकी सत्ता भी ज्यादा देर नहीं टिक पाएगी। किसान नेता ने कहा कि सरकार को अभी भी चेत जाना चाहिए और तीनों विवादित कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए।
राजनीतिक हालात पर भी नजर
आंदोलन के बीच किसान नेता देश के राजनीतिक हालात पर भी पूरी नजर बनाए हुए हैं। पंजाब निगम चुनाव परिणामों को किसानों की जीत बताते हुए रविंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के किसानों ने बता दिया है कि अब देश में केवल वही राज करेगा जो देश के किसानों की बात करेगा। किसानों का कहना है कि आज भाजपा और अकाली दल की जो स्थिति पंजाब में हुई है, वही हालत इन दलों को पूरे देश में भी देखना पड़ेगा।
आज किसानों की ताकत पूरी तरह ट्रेन रोको अभियान को सफल बनाने में लगी हुई थी। किसान जगह-जगह पर एकत्र होकर ट्रेनें चलाने में बाधा पैदा कर रहे थे। लिहाजा आंदोलन स्थलों पर आज किसानों की संख्या कुछ कम रही। हालांकि इस दौरान भी गाजीपुर बॉर्डर पर काफी संख्या में किसान जुटे हुए थे। किसान नेता अपने साथियों को आंदोलन के प्रति लगातार जागरूक कर रहे हैं।
मार्च-अप्रैल के लिए अभी से तैयारी
कड़ाके की ठंड झेलने के समय किसानों के लिए अलाव का सहारा मिला था, जो अब लगभग खत्म हो चुका है। एक-दो जगहों पर ही अब सुबह के समय अलाव जलाये जाते हैं, जबकि किसान अभी से गर्मी की तैयारियों में जुट गए हैं। दोपहर के समय में कुछ गर्मी पड़ने लगी है। इस समय कुछ टेंट्स में पंखे भी चलने शुरू हो गए हैं। किसानों ने कहा कि वे तेज धूप का भी उसी तरह सामना करने के लिए तैयार हैं जैसा उन्होंने ठंड का किया था,लेकिन किसी भी स्थिति में वे कानून वापस होने से पहले दिल्ली से वापसी करने के लिए तैयार नहीं हैं।