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‘उत्तर प्रदेश में भूचाल आ जाएगा…’, नजूल संपत्ति बिल पर बोले बृजभूषण सिंह

Brij Bhushan Singh

Brij Bhushan Singh

गोंडा। योगी सरकार के नजूल संपत्ति बिल को लेकर कैसरगंज से बीजेपी सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh)  ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि किस मंशा से ये विधेयक लाया गया। एक लाइन में पूछा जाए तो इस कदम से उत्तर प्रदेश में भूचाल आ जाएगा। हमारा गोंडा शहर 70 फीसदी नजूल की जमीन पर बसा है। ऐसा ही आगरा, अयोध्या आदि का हाल है।

बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) ने कहा कि शायद सरकार को यह नहीं पता है कि कितने लोग नजूल की जमीन बसे हैं। उनको (सरकार) बस ये बताया गया है कि नजूल भूमि पर कुछ भू माफिया और बड़े लोगों ने कब्जा कर रखा है और उससे मुक्ति दिलाई जाए। हालांकि, मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जनभावना को समझा और इस नजूल संपत्ति बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया।

पूर्व बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि बड़े-बड़े मंदिर भी नजूल पर बने हैं। इस तरीके से तो एक नहीं हजारों मंदिर टूटेंगे। गोंडा शहर तो 70% नजूल की जमीन पर बसा है। आगरा, अयोध्या जैसे सिटीज का भी यही हाल है।

नजूल बिल पर विवाद

गौरतलब है कि योगी सरकार नजूल संपत्ति पर नए बिल को लेकर घिर गई है। इसका बिल यूपी विधानसभा में तो पास हो गया था, लेकिन अगले ही दिन विधान परिषद में अटक गया। अटका भी सिर्फ विपक्ष के कारण ही नहीं, बल्कि खुद बीजेपी विधायकों ने भी इसका विरोध किया था। अब इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजा गया है। नजूल की जमीन को लेकर योगी सरकार ने इसी साल पांच मार्च को एक अध्यादेश पास किया था। इसे राज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी। लेकिन कानून बनाने के लिए इसे विधानसभा में लाना जरूरी थी।

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इसलिए 31 जुलाई को यूपी नजूल संपत्ति (लोकप्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) बिल 2024 पेश किया गया। उस दिन तो भारी विरोध के बावजूद ये बिल पास हो गया। लेकिन अगले ही दिन यानी 1 अगस्त को जब इसे विधान परिषद में लाया गया तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद के सदस्य भूपेंद्र चौधरी ने इसका विरोध कर दिया। उन्होंने इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की। अब प्रवर समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।

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