जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण और पुण्यदायी मानी गई है। हर साल यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से इस यात्रा की शुरुआत होती है। इस साल यह यात्रा 27 जून से शुरू होगी। इस रथ यात्रा में ओडिशा के पुरी मंदिर से भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अलग-अलग रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस यात्रा में शामिल होने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यात्रा के दौरान कुछ चीजें घर लाना भी शुभ माना गया है। अगर इस रथ यात्रा से ये शुभ चीजें घर लाते हैं, तो आपको जीवन में खूब धन और यश की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते वो चीजें कौन सी हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) से क्या लाना चाहिए?
निर्माल्य:- पुरी में भगवान जगन्नाथ के विशेष प्रसाद निर्माल्य कहते हैं। ये सूखे चावल होते हैं। यह महा प्रसाद जगन्नाथ मंदिर के कोइली बैकुंठ के अंदर बनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद को घर लाने से और खाने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रथ की लकड़ी का टुकड़ा:- जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) के लिए रथ नीम की लकड़ी से बनाए जाते हैं। ऐसे में यात्रा पूरी होने के बाद इन रथ की लकड़ियों से छोटे से अंश भक्तों को दिए जाते हैं। रथ की लकड़ी का टुकड़ा घर में लाने से जीवन में खुशहाली आती है।
भगवान जगन्नाथ की तस्वीर:- अगर आप रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) में शामिल नहीं हो पा रहें हैं, तो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की छोटी प्रतिमा या तस्वीर घर लेकर आ सकते हैं। तस्वीरें लाने के बाद नियमित रूप से उनकी पूजा करें। मान्यता है कि इससे भगवान की कृपा मिलती है।
तुलसी की माला:- भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के ही रूप माने गए हैं। वहीं, भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ज्यादा प्रिय है। ऐसे में पुरी रथ यात्रा के दौरान तुलसी की माला जरूर लानी चाहिए। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है।
महाप्रसाद:- पुरी मंदिर के महाप्रसाद को अन्न ब्रह्म के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस महाप्रसाद को घर में लाने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वद मिलता है।