ब्रिटेन। ब्रिटेन पश्चिमी दुनिया का पहला देश है जिसने कोविड-19 की वैक्सीन को इमर्जेंसी इस्तेमाल को लाइसेंस दे दिया है। इसी क्रम में ऐसे लोगों को जिन्हे ज्यादा खतरा है उनको इस वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। वैक्सीन को मेडिसिन्स ऐंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी अथॉरिटी (MHRA) ने इसकी इजाजत दे दी है। MHRA को विशेष नियमों के तहत 1 जनवरी से पहले वैक्सीन को अप्रूवल देने का अधिकार दिया गया था।
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Pfizer की वैक्सीन आखिरी ट्रायल में 95% असरदार पाई गई थी। कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन की पहली खुराकें आने वाले दिनों में पहुंचा दी जाएंगी। ब्रिटेन ने 4 करोड़ खुराकें खरीदी हैं। कंपनी के चेयरमैन अल्बर्ट बोर्ला ने कहा है, ‘आज ब्रिटेन में इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत पहनना कोविड के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक मौका है।’ Moderna की वैक्सीन भी उसी mRNA तकनीक पर आधारित है जिस पर Pfizer की वैक्सीन। कंपनी ने दावा किया है कि आखिरी चरण के शुरुआती डेटा में उसकी वैक्सीन 94.5% असरदार पाई गई है। युवाओं के साथ-साथ ज्यादा उम्र के लोगों में Moderna की वैक्सीन ने ऐंटीबॉडी पैद की जिसने वायरस के खिलाफ ऐक्शन किया।
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इससे पहले ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca के वैक्सीन ट्रायल के लीडर प्रफेसर ऐंड्रू पोलार्ड ने दावा किया था कि यह Pfizer से 10 गुना सस्ती होगी। दरअसल, Pfizer की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना होगा और कुछ हफ्ते के अंतर पर दो इंजेक्शन लगाने होंगे। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को फ्रिज के तापमान पर रखना होगा।