लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों के बीच पैठ बढ़ाने की मुहिम शुरू कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में नवरात्र से इस पहल को फील्ड में तेज करने की तैयारी है। इसके लिए पिछले दो महीने से जिलावार बैठकों का सिलसिला जारी है।
पार्टी प्रमुख मायावती ने पिछले दिनों ब्राह्मण समाज को पार्टी के मूल संगठन में जोड़ने की पहल की थी। पार्टी ने कई वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं को मंडल स्तरीय संगठन में शामिल किया था। राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र इसके बाद से जिलावार ब्राह्मण समाज के लोगों को लखनऊ स्थित अपने आवास पर बुलाकर बैठकें कर रहे हैं। प्रतिदिन एक से दो जिलों की बैठकें हो रही हैं।
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बैठक में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया नवरात्र से पहले इन बैठकों का सिलसिला पूरा कर लेने की योजना है। इसके बाद महासचिव मिश्र के नेतृत्व में जिलेवार बैठकों व सम्मेलनों का सिलसिला शुरू होगा।
बसपा में ब्राह्मण समाज को जोड़ने की कमान पार्टी से जुड़े समाज के पुराने नेताओं के हाथ में है। सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में बार काउंसिल ऑफ यूपी के पूर्व चेयरमैन परेश मिश्र, पूर्व मंत्री अनंत मिश्र ‘अंटू’, नकुल दुबे व रंगनाथ मिश्र इस टीम में शामिल हैं।
पश्चिम में ब्राह्मण चेहरे की तलाश
पूर्व में जिस तरह पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र व पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, अवध व मध्य में सांसद रितेश पांडेय, पूर्व मंत्री अंटू मिश्र व नकुल दुबे ब्राह्मण समाज को जोड़ने की मुहिम चला रहे हैं, उसी तरह अब तक पश्चिम में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय पार्टी के ब्राह्मण चेहरा हुआ करते थे।
हाल में उपाध्याय के एक बेटे भाजपा में शामिल हो चुके हैं और बसपा उपाध्याय को काफी पहले ही निलंबित कर चुकी है। ऐसे में पश्चिम में बसपा का ब्राह्मण चेहरा कौन होगा, यह तय होना बाकी है। बताया जा रहा है, इस पर भी नवरात्र तक फैसला हो जाएगा।
अब तक कई नेता बसपा में शामिल
जिलों में निकलने से पहले दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं को बसपा में शामिल करने का काम भी शुरू हो गया है। प्रतापगढ़ के पूर्व विधायक राम शिरोमणि शुक्ला व फतेहपुर के पूर्व विधायक आदित्य पांडेय सहित कई पूर्व ब्लॉक प्रमुख व अन्य नेता बसपा में शामिल हो चुके हैं।