• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

Budget 2021-22: इन 20 शब्दों को आप जान लें, आसान हो जाएगा बजट को समझना

Writer D by Writer D
29/01/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, शिक्षा
0
Budget 2021

Budget 2021

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज से बजट 2021-22 शुरू हो गया है। लेकिन बजट के बारें में बहुत से लोग है जो नहीं जानते कि बजट होता क्या है। और ऐसा कौन है जो भला नहीं चाहता हो कि वो बजट को समझे। लेकिन बजट के कुछ शब्‍द काफी जटिल होते हैं जिससे इसे समझने में थोड़ी मुश्किल होती हैं। यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं बजट की शब्दावली आसान शब्दों में। इन शब्दों को अच्छी तरह से समझ लें, आपके लिए बजट समझना आसान हो जाएगा।

  1. Tax (कर): सरकार अपने खर्चों को पूरा करने के लिए आमदनी टैक्स से करती है। यह एक प्रकार का अनिवार्य भुगतान है जिसे हर आदमी सरकार को देता है। यह टैक्स दो प्रकार होते हैं, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर। वह टैक्स, जिसे आपसे सीधे तौर पर वसूला जाता है, जैसे इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, शेयर या दूसरी संपत्तियों से आय पर कर, प्रॉपर्टी टैक्स आदि डायरेक्ट टैक्स या प्रत्यक्ष कर कहलाते हैं।

दूसरी तरफ, वह टैक्स जिसे सीधे जनता से नहीं लिया जाता किंतु जिसका बोझ आखि‍रकार उसी पर पड़ता है, उसे अप्रत्यक्ष कर कहते हैं। जैसे, देश में तैयार की गई वस्तुओं पर लगने वाला उत्पाद शुल्क (एक्साइज), आयात या निर्यात किए जाने वाले वस्तुओं पर लगने वाले सीमा शुल्क (कस्टम), सर्विस टैक्स आदि अप्रत्यक्ष कर हैं।

किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में राजनीति हुई तेज, पप्पू यादव उपवास पर बैठे

  1. उपकर और अधि‍भार (Cess एवं Surcharge): सेस या उपकर किसी टैक्स के साथ किसी विशेष उद्देश्य के लिए धन इकठ्ठा करने के लिए, कर आधार (tax base) पर ही लगाया जाता है। जैसे स्वच्छ भारत सेस, कृषि कल्याण सेस, स्वच्छ पर्यावरण सेस आदि। अधिभार या सरचार्ज कर के ऊपर लगने वाला कर है जिसकी गणना कर दायित्व के आधार पर की जाती है। सामान्यतः इसे इनकम टैक्स के ऊपर लगाया जाता है।
  2. आयकर (Income tax): यह हमारी आय के स्रोत जैसे कि आमदनी, निवेश और उस पर मिलने वाले ब्याज पर लगता है।
  3. कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax): कॉरपोरेट टैक्स कॉरपोरेट कंपनियों या फर्मों पर लगाया जाता है, जिसके जरिए सरकार को आमदनी होती है।
  4. उत्पाद शुल्क (Excise duties): देश की सीमा के भीतर बनने वाले सभी उत्पादों पर लगने वाला टैक्‍स को उत्पाद शुल्क कहते हैं। एक्‍साइज़ ड्यूटी को अब जीएसटी में शामिल कर लिया गया है। इस तरह माचिस से लेकर कार तक जो भी सामान कोई व्यक्ति खरीदता है उस पर सरकार टैक्स वसूलती है।
  5. सीमा शुल्क (Customs duties): सीमा शुल्क उन वस्तुओं पर लगता है, जो देश में आयात की जाती है या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती है।
  6. वित्तीय वर्ष: भारत में वित्तीय वर्ष की शुरुआत एक अप्रैल से होती है और यह अगले साल के 31 मार्च तक चलता है। इस साल का बजट वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए होगा जो एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक के लिए होगा। ऐसी मांग उठती रही है कि वित्तीय वर्ष को जनवरी से दिसंबर तक किया जाए, जैसा कि कई देशों में है, लेकिन अभी इसे माना नहीं गया है।
  7. सकल घरेलू उत्पाद (GDP): सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी एक वित्तीय वर्ष में देश की सीमा के भीतर उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं का कुल जोड़ होता है। इसे एक तरह से पूरी अर्थव्यवस्था का आकार मानते हैं और इसमें बढ़त की दर को ही अर्थव्यवस्था की तरक्की की दर माना जाता है। भारत की जीडीपी वृद्ध‍ि दर इस वित्त वर्ष में 5 फीसदी के आसपास रह सकती है।
  8. सब्सिडी (Subsidies): आर्थिक असमानता दूर करने के लिए सरकार की ओर से आम लोगों को दिया जाने वाला आर्थिक लाभ सब्सिडी कहा जाता है। जैसे एलपीजी सिलिंडर के गैस भराने वाले गरीबों को सरकार सब्सिडी देकर उसे सस्ता कर देती है। यह नकद भी हो सकता है, लेकिन अब ज्यादातर सब्सिडी डीबीटी के द्वारा यानी सीधे लाभार्थी के खाते में डाला जाता है। कंपनियों को सब्सिडी टैक्स छूट के तौर पर दी जाती है ताकि औद्योगिक गतिविधियां बढ़ें और रोजगार पैदा हो।
  9. राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) और राजकोषीय घाटा (fiscal deficit): यह एक ऐसी नीति होती है कि जो कि सरकार की आय, सार्वजनिक व्यय (रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क आदि), टैक्स की दरों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष), सार्वजनिक ऋण, घाटे की वित्त व्यवस्था से सम्बंधित होती है। सरकार की कुल सालाना आमदनी के मुकाबले जब खर्च अधिक होता है तो उसे राजकोषीय घाटा कहते हैं। चूंकि बजटरी घाटा सही तरीके से सरकार के ऋण दायित्वों की जानकारी नही देता है, इसलिए राजकोषीय घाटे की व्यवस्था लाई गई। इसे कुछ लोग वित्तीय घाटा भी कहते हैं।
  10. बजट घाटा (Budgetary deficit): बजट घाटा की स्थिति तब पैदा होती है जब खर्चे, राजस्व से अधिक हो जाते हैं। इसमें सरकार की कर्ज देनदारी शामिल नहीं होती। बजटरी घाटा = कुल प्राप्ति – कुल व्यय।
  11. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गेन: शेयर बाजार में कोई भी व्यक्ति यदि एक साल से कम समय के लिए पैसे लगा कर लाभ कमाता है तो उसे अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन) कहते हैं। शेयरों में जो पैसा एक साल से अधिक समय के लिए होता है उसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) कहते हैं। पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं देने का प्रावधान था लेकिन 2018-19 के बजट में इस पर 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया। हालांकि, यह टैक्स सिर्फ 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर ही देना होता है।
  12. समेकित कोष (Consolidated Fund): यह भारत सरकार का वह कोष है जिसमे सरकार की समस्त राजस्व प्राप्तियां, सरकार द्वारा जारी किये गए ट्रेज़री बिल्स और वसूले गए ऋण आदि को शामिल किया जाता हैं।
  13. आकस्मिक कोष (Contingency Fund): इस फंड में आकस्मिक व्यय को पूरा करने के लिए एक राशि रखी जाती है। इससे व्यय ऐसे मुद्दों पर किया जाता है जिनको टाला नही जा सकता है लेकिन बाद में संसद से अनुमति लेकर संचित निधि से रुपया लेकर इसमें डाल दिया जाता है। इस फंड पर राज्यों में राज्यपाल और केंद्र के संबंध में राष्ट्रपति का अधिकार रहता है।
  14. राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts): ऐसी प्राप्तियां जिनके लौटाने का दायित्व सरकार का नही हो या जिनके साथ किसी संपत्ति की बिक्री नही जुड़ी हों, राजस्व प्राप्तियां कहलाती हैं। इन प्राप्तियों के कारण सरकार की देयता (liability) में बढ़त नही होती है। इनको कर राजस्व (इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, जीएसटी इत्यादि) और गैर-कर राजस्व (ब्याज, फीस, लाभांश) में बांटा जा सकता है।

16 . पूंजीगत प्राप्तियां (Capital Receipts):  ऐसी सार्वजनिक प्राप्तियों को पूंजीगत प्राति कहते हैं जिनसे सरकार के देनदारी में बढ़त होती है और सरकार की परिसंपत्तियों में कमी होती है। जैसे देश के अंदर लिया गया कर्ज, विदेश से लिया गया कर्ज, रिजर्व बैंक से लिया जाने वाला कर्ज आदि।

17 . राजस्व व्यय (Revenue Expenditure):  इसके अंदर उन खर्चों को रखा जाता है जिससे सरकार की न तो उत्पादन क्षमता का विस्तार होता है और न ही भविष्य के लिए अतिरिक्त आय सृजित होती है। उदाहरण के लिए सरकारी विभागों को चलाने में होने वाला खर्च, सरकारी सब्सिडी, कर्ज पर ब्याज की अदायगी, राज्य सरकारों को अनुदान आदि।

  1. पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure): सरकार के उन खर्चों को पूंजीगत व्यय के अंतर्गत रखा जाता है जिससे सरकार की संपत्तियों में बढ़त होती है, जैसे सड़क, स्कूल, अस्पताल, किसी पुराने भवन की मरम्मत आदि।
  2. योजनागत व्यय (Planned Expenditure): उस व्यय को योजनागत व्यय कहा जाता है जिससे उत्पादन परिसंपत्ति (production assets) का निर्माण होता है। यह व्यय विभिन्न आर्थिक कल्याणकारी योजनाओं से सम्बंधित होता है, जैसे स्कूल, सड़क, हॉस्प‍िटल का निर्माण आदि।
  3. गैर योजनागत व्यय (Non-Plan Expenditure): ऐसा सार्वजनिक व्यय जिससे कि कोई विकास का काम नही होता है, गैर योजनागत व्यय की श्रेणी में गिना जाता है। जैसे रक्षा व्यय, पेंशन, महंगाई भत्ता, बाढ़, सूखा, ओला वृष्टि आदि पर किया गया खर्च आदि। इसके लिए धन की व्यवस्था भारत की संचित निधि से होती है।
Tags: Budget 2021Budget 2021-22Budget definiton
Previous Post

एक्टर शरमन जोशी के पिता का निधन, परेश रावल ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

Next Post

सिंघू बॉर्डर रणक्षेत्र में तब्दील : अलीपुर एसएचओ पर तलवार से हमला, ये थी वजह

Writer D

Writer D

Related Posts

Hair Oil
Main Slider

बालों में न लगाए ये तेल, उड़ा देंगे सिर के हेयर

08/11/2025
Bleach
Main Slider

फेस पर ब्लीच लगाने के बाद होती हैं जलन, तो ट्राई करें ये हैक्स

08/11/2025
Governor Gurmeet Singh
Main Slider

हमें वही वस्तुएँ खरीदनी चाहिए, जो मेड इन इंडिया हों: राज्यपाल

07/11/2025
Grand welcome for PM Modi in Kashi
उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी में भव्य स्वागत, ‘हर हर महादेव’ के नारों से गूंजा पूरा बनारस

07/11/2025
Dhirendra Shastri launches Sanatan Hindu Unity Padyatra 2.0
Main Slider

हमें मुसलमानों से कोई दिक्कत नहीं लेकिन… दिल्ली में बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

07/11/2025
Next Post

सिंघू बॉर्डर रणक्षेत्र में तब्दील : अलीपुर एसएचओ पर तलवार से हमला, ये थी वजह

यह भी पढ़ें

Nitish Cabinet

नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, तेजप्रताप सहित 31 मंत्रियों ने ली शपथ

16/08/2022
Jitiya Vrat

संतान की लंबी आयु के लिए इस दिन रखा जाएगा जितिया व्रत, जानें पूजन विधि

20/08/2025

संजय दत्त की पत्नी मान्यता : हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं…

19/08/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version