नई दिल्ली। कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 पेश किया। इस बजट में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है।
कुछ प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है, जिससे ये प्रोडक्ट महंगे हो गए हैं। वही कुछ प्रोडक्ट्स पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाई भी है। ऐसे में आपके मन में भी सवाल होगा कि इस बजट का आपके पॉकेट पर कितना असर होगा? तो चलिए जान लेते हैं बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता हुआ?
ये होंगे सस्ते
फोन के चार्जर
बजट में इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन चार्जर, मोबाइल फोन कैमरा लेंस, ट्रांसफॉर्मर इत्यादि के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इन पर ड्यूटी कंसेशन देने की घोषणा की है।
रत्न-आभूषण
रत्न और आभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कट और पॉलिश डायमंड के साथ रत्नों पर कस्टम ड्यूटी को 5% कर दिया है। सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी।
स्टील स्क्रैप आयात
छोटे और मझोले उद्योगों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने बजट में स्टील स्क्रैप (कबाड़) पर मिलने वाली कस्टम ड्यूटी छूट को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। इससे MSME सेक्टर में कबाड़ से स्टील उत्पाद बनाने वालों को आसानी होगी।
ये होंगे महंगे-
आर्टिफिशियल गहने
सरकार ने बजट में अंडरवैल्यू आर्टफिशियल गहनों के आयात को निरुत्साहित करने के लिए इस पर इंपोर्ट ड्यूटी अब 400 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। ऐसे में आने वाले वक्त में ये गहने महंगे हो सकते हैं।
छतरियां
बारिश में भीगने से बचाने वाली छतरियां अब से महंगी हो जाएंगी। सरकार ने बजट में इन पर कर को बढ़ाकर 20% कर दिया है। साथ ही छाता बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया है।
बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल
बिना मिश्रण वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रुपये लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा, इसका मकसद पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देना है।
बजट का असर ज्यादा प्रोडक्ट्स पर नहीं
ऐसी बहुत सारी चीजें नहीं हैं जिन पर असर पड़ा हो। दरअसल, अब 90% चीजों की कीमत GST तय करता है, लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी का असर रहता है और इसकी घोषणा बजट में की जाती है। इसलिए पेट्रोल, डीजल, LPG, CNG और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स जैसे- शराब, चमड़ा, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल, केमिकल, गाड़ियां जैसी चीजों की कीमत पर बजट घोषणाओं का असर पड़ता है। इन पर ही सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाती या घटाती है। कुछ पर एक्साइज भी लगाया जाता है।
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इंपोर्ट ड्यूटी क्या होती है?
इंपोर्ट ड्यूटी वह टैक्स है जो किसी दूसरे देश से आने वाले सामान (इंपोर्ट) पर वसूला जाता है। इंपोर्ट ड्यूटी कितनी लगेगी, यह सामान की कीमत के साथ-साथ सामान किस देश का है और कई अन्य चीजों पर निर्भर करता है। इंपोर्ट ड्यूटी को कस्टम ड्यूटी, टैरिफ, इंपोर्ट टैक्स या इंपोर्ट टैरिफ भी कहते हैं। इंपोर्ट ड्यूटी के दो उद्देश्य होते हैं- सरकार के लिए आय जुटाना और लोकल लेवल पर प्रड्यूज होने वाले सामान को मार्केट में फायदा दिलाना।