लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है जिसमें वंचित को वरीयता का केंद्रीय भाव है।
विधानभवन में बजट पेश करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होने (CM Yogi) कहा कि शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में लगभग छह करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है।
अब जीरो पॉवर्टी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ कार्य हो रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुए उनकी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।
सरकार का यह भी प्रयास है कि इन परिवारों को ऐसी आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए।
योगी (CM Yogi) ने कहा कि बजट का आकार आठ लाख आठ हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक का निर्धारित किया गया है जो वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष 9.8 प्रतिशत अधिक है। शिक्षा क्षेत्र के लिये एक लाख छह हजार 360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित है जो कुल बजट का 13 प्रतिशत है। शिक्षा पर इतना व्यय करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।
कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल लगभग 89 हजार 353 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50 हजार 550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है।
उन्होने (CM Yogi) कहा कि कुल व्यय में दो लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है।
वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जीडीपी 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा। विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं।
लगातार प्रयासों से पिछले आठ वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।
उन्होने कहा कि बजट में व्यय की नई मदों के लिये 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान है जिसमें अवस्थापना विकास के लिये एक लाख 79 हजार 131 करोड़ चार लाख रुपये प्रस्तावित है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये से अधिक, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़ रुपये से अधिक, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़ रुपये से अधिक, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ रुपये से अधिक तथा नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
योगी ने कहा कि समाज कल्याण, जिसमें सामान्य वर्ग,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला एवं बाल कल्याण के लिये 35,863 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था है। निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिये कुल 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। सामाजिक पेंशन के लिये कुल 13,648 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है।
उन्होने कहा कि बजट में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का प्राविधान है। इसमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश में लगभग छह करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है। हम अब जीरो पॉवर्टी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुए उनकी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। सरकार का यह भी प्रयास है कि इन परिवारों को ऐसी आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए।
उन्होने कहा कि प्रत्येक जिले की विशेषताओं और सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अखंड भारत के शिल्पी लौहपुरुष सरदार पटेल जनपदीय आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जाएगा। अलग-अलग जिलों में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा।राज्य सरकार की उपलब्ध भूमि पर 10 जिलों में संत कबीर वस्त्रोद्योग पार्क पार्क स्थापित किए जाएंगे और संत संत रविदास के नाम पर लेदर पार्क स्थापित किये जायेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके सम्मान में नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
उन्होने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों तथा निगमों आदि में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कार्मिकों के देय न्यूनतम पारिश्रमिक को 16 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रुपये के दायरे में मिल सके। यह पारिश्रमिक सीधे एकाउंट में मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सेवा निगम गठित किया जाएगा।
उन्होने कहा कि श्री बांके बिहारी जी मंदिर मथुरा-वृन्दावन कॉरिडोर के निर्माण व भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं जबकि मीरजापुर के त्रिकोणीय क्षेत्र में परिक्रमा पथ एवं जन सुविधाओं के विकास हेतु भूमि खरीद व निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। नैमिषारण्य में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये तथा वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। चित्रकूट में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।