भारत और न्यूज़ीलैंड वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में एक तो खराब मौसम और दूसरा भारत का मैच में बुरा हाल। दोनों ही मामलों में इंडियन फैंस निराश हुए हैं। मैच के चौथे दिन का खेल बिना कोई गेंद फेंके पूरी तरह से धुल गया है। तीसरे दिन के खेल तक मुकाबले में भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाए। जवाब में किवी टीम ने दो विकेट खोकर 101 रन बनाए थे। भारतीय गेंदबाज़ों ने पुरज़ोर कोशिश की लेकिन किवी टीम के बल्लेबाज़ों को ज़्यादा परेशान करते नहीं दिख रहे। भारतीय गेंदबाज़ी पर, खासकर जसप्रीत बुमराह की बोलिंग में क्या कमियां रहीं इस पर टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण और संजय बांगर ने बात की है।
वीवीएस लक्ष्मण इस चीज़ से खासे हैरान हैं कि जसप्रीत बुमराह फुल लेंथ गेंदबाज़ी करते नहीं दिखे, जिससे की किवी बल्लेबाज़ ड्राइव करने के लिए मजबूर होते। वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि किवी बैट्समेन जब बल्लेबाज़ी कर रहे थे तो काफी लंबा स्ट्राइड नहीं था और ऐसे में फुल लेंथ पर गेंदबाज़ी करने से विकेट लेने के ज़्यादा चांस बन सकते थे। भारतीय गेंदबाज़ ओवरकास्ट कंडीशन्स का सही से इस्तेमाल करने से भी चूक गए। तीसरे दिन के खेल में वैसे तो भारतीय गेंदबाज़ विकेटों के लिए तरसते रहे। लेकिन जसप्रीत सभी गेंदबाज़ों में सबसे महंगे साबित हुए। वो लाइन और लेंथ के लिए भटकते रहे और 11 ओवर के स्पेल में 34 रन दिए। उन्होंने तीसरे दिन की पूरी गेंदबाज़ी में सिर्फ तीन मेडन ओवर फेंके।
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वीवीएस लक्ष्मण क्यों नहीं हैं खुश:
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, ”मैं हैरान हूं कि बुमराह अपनी लेंथ नहीं बदल पा रहे थे, जो कि इंग्लिश कंडीशन्स में काफी इफेक्टिव होती। आप चाहते हैं कि ऐसी कंडीशन्स में बल्लेबाज़ गेंद को कवर्स एरिया में ड्राइव करे। जिससे की बल्ले का बाहरी किनारा लगने का चांस बने।” उन्होंने आगे कहा, ”ऐसे में अगर आप उन्हें शरीर से दूर खेलने पर मजबूर करते तो उनके पैड और बैट के बीच गैप बनता। क्योंकि ज़्यादा किवी बल्लेबाज़ फ्रंट फुट ड्राइव खेलते हुए लॉन्ग स्ट्राइक नहीं लेते ”
संजय बांगर की सलाह:
लक्ष्मण के अलावा टीम इंडिया पूर्व बैटिंग कोच संजय बांगर ने भी भारतीय गेंदबाज़ी की खामियां बताईं। बांगर ने कहा, ”मैं लक्ष्मण से सहमत हूं। ईशांत अधिकतम स्विंग और सीम हासिल करने में सक्षम हैं, अपने पूरे क्रिकेटिंग करियर में वो ज़्यादातर समय इनस्विंग गेंदबाज़ रहे हैं। लेकिन जब कोई इनस्विंग गेंदबाज़ स्टम्प्स के पास जाने की कोशिश करता है तो वो अपनी स्विंग थोड़ी बहुत खो देता है।” आखिर में वे बोले ”मैं यही कहना चाहूंगा कि ईशांत और बुमराह क्रीज़ के बाहर के हिस्से से गेंदबाज़ी करें। जिससे की उनकी इनस्विंग गेंदबाज़ी ज़्यादा कारगर हो सके।” भारतीय गेंदबाज़ों ने मैच के तीसरे दिन कुल 49 ओवर गेंदबाज़ी की और सिर्फ दो विकेट चटकाए। जबकि भारतीय पेसर्स की तुलना में किवी पेसर्स इस पिच पर ज़्यादा सफल दिखे हैं।