रामपुर। जिला प्रशासन, नगर पालिका द्वारा भारी पुलिस बल के साथ शहर के बाज़ारो में की जा रही कार्यवाई पर रामपुर उधोग व्यापार मंडल ने लामबंद होकर मोर्चा खोल दिया है। जिसमें 04 अक्टूबर को देर शाम में प्रशासन और नगरपालिका ने भारी पुलिस बल के साथ छापामार कार्यवाई कर जुर्माना भी डाला था जिस पर व्यापारियों में आक्रोश पनप गया।
कहना है कि व्यापारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई जिसमें सैंकड़ो से लेकर हज़ारों तक के जुर्मानो के अलावा ज़बरदस्त दहशत व आतंक सरीखा माहौल बनाकर अमर्यादित भाषा और मारपीट कर प्रताड़ित किया गया और अत्याचार कर बाज़ार बन्द कराए गए। इस अपमान की पीड़ा के दंश को व्यापारी समाज झेल रहा है।
इसी संबंध में उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल से सम्बद्ध रामपुर उद्योग व्यापार मंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि व्यापारी वर्ग विशेषकर छोटे और मझोले वर्ग की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में, वस्तुओं की आपूर्ति और सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। स्वरोजगार और स्वावलम्बन के क्षेत्र में भी व्यापार वर्ग अग्रणी है।
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“व्यापार मंडल” संगठित व्यापारी समाज का स्वर एवं बुलंद आवाज है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ग़ैरराजनीतिक संगठन है। किसी भी राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक दल, राजनीतिक शख्सियत, अथवा राजनीतिक दल की सरकार से न तो हमारा वैमनस्य है और न ही लगाव और झुकाव। सभी के साथ हमारा सम-आदर और समान दूरी के साथ व्यवहार हमेशा रहा है और रहेगा।
उन्होने कहा कि दुर्भाग्यवश व्यवस्था में भूमिका और योगदान होने के उपरांत भी व्यापारी समाज को सदैव अपमान, उपेक्षा, तिरस्कार के साथ साथ ही उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। शांत, शालीन, संयमित और समझौता वादी होने तथा सदैव सहनशीलता का परिचय देने के कारण बहुदा हमारा दोहन और शोषण भी आम बात है।
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वर्तमान “कोरोना वायरस महामारी” के काल में जहां एक ओर समाज में अभूतपूर्व उथल-पुथल का माहौल है वहीं तमाम तरह से सामाजिक आवश्यकताओं में तन, मन, धन से योगदान करने के उपरांत भी व्यापारी समाज को अपराधी समझना हेय दृष्टि से देखना, अपमानित और शोषित किए जाने सरीखी घटनाओं में भी अभूतपूर्व वृद्धि का होना भी पीड़ादायक है।
व्यापारी के मान सम्मान से खिलवाड़ और अपमान प्रताड़ित कर दोहन किये जाने की स्थिति ‘व्यापार मंडल’ को कतई स्वीकार्य नहीं है। खासकर रामपुर प्रशासन व्यापारी और बाज़ारो से इतनी नफरत क्यों कर रहा है। जबकि स्वाभिमान से सर ऊंचा करके इज्जत से रोजी रोटी कमाए और सेवा के क्षेत्र में सम्मान से योगदान दें यह हमारी उम्मीद, अपेक्षा और प्रयास भी है। व्यवस्था के नाम पर काम कर रहे तमाम विभागों के प्रशासनिक स्तरों को यह उचित नहीं लगता कि व्यापारी सम्मान के साथ व्यापार करें। बाजारों पर पड़ रही उनकी कुदृष्टि व्यापारी समाज में लगातार भय व आतंक का माहौल और बेचैनी बनाए रखती है। जिसके कारण अनेकों बार अनेकों बार व्यापारियों द्वारा आत्महत्या को मजबूर होना पड़ जाता है। इसके बावजूद भी व्यवस्था के कानों पर जूं भी रेंगने को तैयार नहीं है।
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अपमान की पीड़ा के दंश को झेल रहे व्यापारी समाज को इसी 4 अक्टूबर की देर शाम इसी प्रकार की घटना से दो-चार होना पड़ा। जब एडीएम प्रशासन जेपी गुप्ता, एसडीएम सदर प्रवीण वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट रामजी मिश्रा, तहसीलदार प्रमोद कुमार, नगरपालिका ईओ डॉक्टर इंदु शेखर मिश्रा तथा नगरपालिका के अधीक्षक, सहयोगी और सहायक कर्मचारियों सहित भारी पुलिस बल के साथ निकट शाहबाद गेट बाजार से अब्दुल्ला गंज, बाजार नसरुल्लाह खान, बाजार सफदर गंज, टीपू सुल्तान मार्केट तक जबरदस्त दहशत व आतंक सरीखा माहौल बनाकर दुकानदारों से मारपीट, गाली-गलौज, अपशब्दों का प्रयोग कर प्रताड़ित किया गया, धन वसूला गया और जबरन बाजारों को बंद कराकर अत्याचार किया गया, जिसके विरोध में व्यापारियों ने एकजुट होकर आंदोलन का निर्णय लिया है। जोकि यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
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जिसमें 9 अक्टूबर शुक्रवार को राष्ट्रपति से स्वेच्छा मृत्यु की गुहार लगाई जाएगी। 10 अक्टूबर शनिवार को नगर पालिका को ज्ञापन दिया जाएगा। 11 अक्टूबर रविवार को व्यापारिक जनसभा की जाएगी। 12 अक्टूबर सोमवार को वाहन रैली निकाली जाएगी।
13 अक्टूबर मंगलवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। और 14 अक्टूबर बुधवार को धरना प्रदर्शन होगा।
इस दौरान व्यापार मंडल के पदाधिकारियों में शाहिद शम्सी, अवतार सिंह, शुऐब मोहम्मद खान, हारिस शम्सी, मुकेश मौर्य, बिलाल शम्सी, नरेश अरोरा के अलावा अन्य पदाधिकारी और व्यापारी भी मौजूद रहे।