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इन पांच स्त्रियों का नाम लेने मात्र से हो जाएगा आपका कल्याण

Writer D by Writer D
04/02/2022
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
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पतिव्रता स्त्रियाँ

पतिव्रता स्त्रियाँ

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कहा जाता है हर धर्म के प्रति उससे जुड़े लोगों की आस्था अटूट होती है और वह उससे जुड़े हर काम को करने के लिए तैयार रहते हैं. जी हाँ, वहीं लोग अपने धर्म से जुड़ें देवताओं की पूजा करते हैं और इसी तरह हिन्दू धर्म में कई देवी देवताओ के पूजा का नियम है. ऐसे में आज हम आपको ऐसी ही 5 पौराणिक महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने पतिव्रता धर्म से एक नया आदर्श स्थापित किया. आइए जानते हैं इनके बारे में.

*अहिल्या माता – आप सभी को बता दें कि अहिल्या गौतम ऋषि की पत्नी थी। इंद्र के धोखे के कारन इनको गौतम ऋषि से शिला होने का श्राप मिला था जिन्हें भगवान राम ने त्रेता युग में अपने पांव से छूकर श्राप मुक्त किया था.

*मंदोदरी – आप जानते होंगे कि लंकाधिपति रावण की पत्नी मंदोदरी भी इन पांच सतियों में स्थान रखती हैं। वहीं उस समय रावण को इन्होंने श्रीराम से युद्ध न करने और सीता को छोड़ देने के लिए बहुत समझाया। रावण की मृत्यु के पश्चात मंदोदरी के भीषण रुदन का जिक्र भी किया गया है.

*तारा – आपको बता दें कि तारा का प्राकट्य समुद्र मंथन के समय हुआ था और कालांतर में यह वानरराज बाली की पत्नी बनी। सुग्रीव से मित्रता करने को लेकर बाली को देवी तारा ने बहुत समझाया गया था.

*कुंती – कहते हैं कुंती का जन्म नाम पृथा था लेकिन महाराज कुन्तिभोज ने इन्हें गोद ले लिया था जिसके कारण इनका नाम कुंती हो गया। वहीं देवी कुंती कृष्ण के पिता वासुदेव की बहन थी और उन्होंने अपना पतिव्रत धर्म निभाते हुए अपने पति महाराज पाण्डु की दूसरी पत्नी को भी स्वीकार किया.

*द्रोपदी – कहा जाता है द्रोपदी का जन्म यज्ञसेनी के रूप में हुआ था और महारज द्रुपद ने एक मनोकामना पूर्ती यज्ञ किया था जिसमे द्रोपदी का जन्म हुआ। वहीं द्रोपदी पांचों पांडवों की अकेली पत्नी थी लेकिन अपन पतिव्रता धर्म नहीं छोड़ा और इसी वजह से जब उनका चीरहरण हो रहा था तो भगवान कृष्ण ने उनकी इज्जत बचाई थी.

Tags: DraupadiHindu dharmamandodarimata ansuiyaद्रौपदीपतिव्रता स्त्रियाँमंदोदरीमाता अनसुईया
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