उत्तर प्रदेश में जौनपुर में मछली शहर इलाके में दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति धीरज प्रजापति को अपर सत्र न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया तथा घटना से मुकरने वाले मृतका के माता, पिता समेत चार के खिलाफ झूठी गवाही का केस दर्ज कर नोटिस जारी किया।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि वादी अवध नारायण प्रजापति ने मछली शहर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसकी लड़की मनीता की शादी 19 मई 2015 को धीरज प्रजापति निवासी ग्राम दियांवा के साथ हुई।
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दहेज में रुपए की मांग पूरी न होने पर 6 अप्रैल 2018 को उसकी दहेज हत्या कर दी गई। सूचना मिली की लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहां पहुंचने पर देखा बेटी का शरीर बेड पर लिटाया गया था। रुपए की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाता था।
अदालत में वादी अवध नारायण, उसकी पत्नी सुरजा, जगरनाथ एवं प्रमिला देवी घटना से मुकर गए और कहा कि ससुराल वालों ने कभी दहेज की मांग नहीं की और न प्रताड़ित किया। मनीता के लड़के के दिल में छेद था जिसका इलाज दिल्ली में चल रहा था। इसी को लेकर वह तनाव में रहती थी और उसी कारण उसने आत्महत्या कर ली।
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कोर्ट ने आरोपी धीरज को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया तथा गवाहों के खिलाफ झूठी गवाही का केस दर्ज कर नोटिस जारी किया।