मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोशल मीडिया सेल में तैनात पार्थ श्रीवास्तव के खुदकुशी करने के मामले में शनिवार को इंदिरा नगर थाने मे मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में पिता की तहरीर पर सोशल मीडिया सेल में तैनात वरिष्ठ कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा पर प्रताड़ित करने व खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पिता की तहरीर व पार्थ की सुसाइड के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि परिजनों व पार्थ के सुसाइड नोट में लगाये गये आरोपों की जांच की जा रही है। दोषी पाये जाने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर-9 स्थित वैशाली इन्क्लेव में रहने वाले पार्थ (28) ने बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसके कमरे से दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला था। जिसमें उसने वरिष्ठ सहयोगी पुष्पेंद्र सिंह व महिला कर्मचारी शैलजा पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
फंदे से शव लटका देख परिजन उसे लोहिया अस्पताल लेकर गये। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। आत्महत्या के दूसरे दिन उसकी बहन शिवानी ने पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए थे जिसका पुलिस ने खंडन किया।
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पुलिस का कहना है कि शुक्रवार तक कोई तहरीर नहीं मिली थी। इस कारण मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक शनिवार को पार्थ के पिता रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने रिश्तेदारों के साथ थाने आकर तहरीर दी। तहरीर में सुसाइड नोट के आधार पर ही पुष्पेन्द्र और शैलजा पर आरोप लगाये गए हैं। इन दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के बयान लिये जाएंगे। जांच शुरू कर दी गई है।