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किसानों के 6 फरवरी को चक्काजाम पर कैट ने दिल्ली के एलजी को लिखा पत्र

संवैधानिक मर्यादा का है अंकुश

संवैधानिक मर्यादा का है अंकुश

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों ने अगली रणनीति के तहत 6 फरवरी को देश भर में सुबह 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम करने की घोषणा की है। इसी मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र भेजा है।

पत्र में आग्रह किया गया है कि, क्योंकि इस आंदोलन को अनेक राजनीतिक दल भी घोषित-अघोषित समर्थन दे रहे हैं, इस दृष्टि से किसी भी प्रकार के कोई असामाजिक हालात न बने, इसके लिए दिल्ली के सभी बाजारों की सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम किए जाएं। हालांकि किसान आंदोलन ने दिल्ली को चक्का जाम से मुक्त रखने की घोषणा की है, लेकिन 26 जनवरी को जो कुछ भी दिल्ली में हुआ उसको लेकर व्यापारी बेहद आशंकित हैं।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, दिल्ली एवं देश अभी तक लाल किले पर हुए तिरंगे के अपमान को भूला नहीं है और अब ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी पुख्ता इंतजाम अवश्य किए जाएं। वहीं इस मामले में दिल्ली के सभी व्यापारी संगठन उपराज्यपाल एवं दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग के लिए तत्पर हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह सत्य है कि आबादी के बाद से अब तक देश में तमाम तरह की सब्सिडी मिलने के बाद भी किसान घाटे की खेती कर रहा है, जिसको लाभ की खेती में बदला जाना बहुत जरूरी है। इस ओर आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाने की जरूरत है, जिसे सरकार से बातचीत के आधार पर सुलझाया जा सकता हैं, किंतु बिना किसी ठोस कारण के तीनों कृषि कानूनों का विरोध करना उचित नहीं है।

तीनों कृषि कानूनों में सभी प्रावधान स्वैछिक हैं और उनको मानने की कोई बाध्यता किसानों पर नहीं है। कुछ राजनीतिक दल अपनी राजनीति के कारण इस समस्या को उलझाए रखना चाहते हैं।

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