राष्ट्रीय राजधानी में मार्च महीने से स्कूल बंद हैं और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दो महीने में प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने को लेकर घोषणा की है। इसको लेकर कई शिक्षक और प्रधानाचार्य चिंतित हैं कि कैसे बिना फिजिकली तौर पर प्रैक्टिकल किए इसका असेसमेंट किया जाएगा। खास साइंस स्ट्रीमों के छात्रों के लिए तो ये बेहद मुश्किल है।
राष्ट्रीय राजधानी में 2,168 स्कूल CBSE से एफिलिएटेड हैं, जो आमतौर पर फरवरी में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करना शुरू करते हैं। गुरुवार को बोर्ड ने घोषणा की कि वह मई और जून के बीच परीक्षा आयोजित करेगा और 1 मार्च से प्रैक्टिकल होगा। CBSE बोर्ड परीक्षा के नियंत्रक सनम भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड द्वारा परीक्षा की गुणवत्ता के उपायों में कोई कमी नहीं की जाएगी।
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उन्होंने कहा, “आमतौर पर, बोर्ड परीक्षाओं का संचालन करने के लिए स्कूलों के पास जनवरी और मध्य फरवरी के बीच का समय होता है। हालांकि, इस समय, सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद हमने उस समय अवधि में वृद्धि की है। प्रैक्टिकल परीक्षा मार्च और जून के बीच स्कूलों द्वारा आयोजित की जा सकती हैं। इससे स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोविड -19 दिशानिर्देशों को बनाए रखते हुए छोटे बैचों में प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित करने की सुविधा होगी।