नई दिल्ली। भारत के कई राज्यों में बिजली संकट के चलते केंद्र ने बिजली की कमी को लेकर दिल्ली सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वो बिजली को उपभोक्ताओं के बीच शेड्यूल करें और सरप्लस बिजली की जानकारी केंद्र सरकार को दें।
जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण कोई आउटेज नहीं था। बिजली की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति की गई थी। 10 अक्टूबर को दिल्ली की अधिकतम मांग 4536 मेगावाट (पीक) और 96.2 एमयू (ऊर्जा) थी। दिल्ली की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी और डीवीसी को निर्देश दिया कि जितनी मांग दिल्ली की ओर से की जा रही है उसको पूरा किया जाए।
दिल्ली में बिजली की मांग और आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार ने 25 सितंबर से लेकर 10 अक्टूबर तक की फैक्ट शीट बनाई है। इस फैक्ट शीट में बताया गया है कि किस दिन बिजली की कितनी मांग थी और उसकी आपूर्ति कितनी हुई। इस दौरान दिल्ली की जरूरत के मुताबिक ही बिजली दी गई है।
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केंद्र मंत्रालय ने इन कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि एनटीपीसी और डीवीसी दोनों दिल्ली को उतनी बिजली उपलब्ध कराएंगे जितनी दिल्ली के डिस्कॉम्स मांग करते हैं। सरकार ने कहा है कि पिछले 10 दिनों में दिल्ली डिस्कॉम को दी गई घोषित बिजली की समीक्षा करें और उसकी पॉवर सप्लाई को सुरक्षित किया जाए।
बिजली के इस्तेमाल के लिए दिशा-निर्देश
इसके अलावा, कोयला आधारित बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए आवंटित बिजली के उपयोग के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इन दिशानिर्देशों के तहत, राज्यों से उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के लिए आवंटित बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही एक्स्ट्रा बिजली होने की दशा में राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे मंत्रालय को सूचित करें ताकि उसे अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित किया जा सके।