नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने 34 साल के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति के तहत अब एमफिल को बंद कर दिया जाएगा। इसकी जगह पर स्टूडेंट्स मास्टर डिग्री या चार साल बैचलर डिग्री प्रोग्राम करने के बाद पीएचडी कर सकते हैं। करीब 34 साल बाद आई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
34 साल बाद आई नीति में स्कूली और उच्च शिक्षा को लेकर बड़े बदलाव
उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया कि नई नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट (बहु स्तरीय प्रवेश एवं निकासी) व्यवस्था लागू की गई है। इसमें तीन और चार साल के यूजी कोर्स और बैचलर प्रोग्राम शामिल हैं। चार साल के कोर्स में चौथे साल में रिसर्च को शामिल किया गया है। इसके बाद स्टूडेंट्स एक साल का मास्टर्स कोर्स या फिर पीएचडी कर सकते हैं। इंस्टीट्यूट्स दो साल का मास्टर डिग्री प्रोग्राम ऑफर कर सकते हैं, जिसमें दूसरा साल पूरी तरह से रिसर्च पर आधारित होगा।
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इसके अलावा इंस्टीट्यूट्स इंटीग्रेटिड पांच साल का बैचलर और मास्टर डिग्री प्रोग्राम ऑफर कर सकते हैं। चार साल का डिग्री प्रोग्राम फिर एमए और उसके बाद बिना एमफिल के सीधा पीएचडी कर सकते हैं। जो छात्र शोध के क्षेत्र में जाना चाहते हैं उनके लिए चार साल का डिग्री प्रोग्राम होगा, जबकि जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे।