ऋषिकेश। उत्तराखंड के चमोली (Chamoli Accident) में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की शहर बाजार साइट पर करंट फैलने से घटना के 6 घायलों को इलाज के लिए एम्स की ट्राॅमा इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। सभी घायलों को अगले 12 घन्टे तक वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम की निगरानी में आब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
एम्स अस्पताल प्रशासन ने घायलों के बेहतर इलाज के लिए ट्रामा विभाग के डॉक्टरों सहित, इमरजेन्सी मेडिसिन और बर्न और प्लास्टिक विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई है। राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) , नगर विकास व वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद भट्ट, ऋषिकेश मेयर अनीता ममगांईं और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने भी एम्स पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना।
बुधवार की सुबह उत्तराखंड के चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैलने से हुए दर्दनाक हादसे (Chamoli Accident) के घायलों को दोपहर बाद अलग-अलग तीन हेली एम्बुलेंसों के माध्यम से एम्स पहुंचाया गया। करंट लगने से बुरी तरह झुलसे घायलों को उपचार को एम्स ऋषिकेश पहुंचाए जाने की सूचना मिलने पर एम्स अस्पताल प्रशासन द्वारा सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रखा गया था। अपरान्ह 2 बजे के बाद हेली एम्बुलेंसों के माध्यम से घायलों का एम्स पहुंचना शुरू हो गया था। घायलों के पहुंचते ही विभिन्न विभागों की चिकित्सकों की टीम ने घायलों का तत्काल इलाज करना शुरू दिया। इलाज हेतु भर्ती किए गए घायलों में कुल 6 लोग शामिल हैं। इलाज करने वाली टीम में बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ विशाल मागो, ट्रॉमा विभाग के डॉक्टर मधुर उनियाल व डॉ नीरज कुमार सहित अन्य विभागों के चिकित्सक शामिल हैं।
चमोली नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर हादसा, करंट लगने से 6 पुलिसकर्मी समेत 15 की मौत
इलाज के बाबत जानकारी देते हुए ट्राॅमा विभाग सर्जन डॉक्टर मधुर उनियाल ने बताया कि घायलों में से संदीप मेहरा (34 वर्ष) और सुशील (35 वर्ष) अभी पूरी तरह सेंस में नहीं हैं। जबकि अन्य 4 घायलों आनन्द कुमार 45 वर्ष, नरेन्द्र लाल 35 वर्ष, रामचन्द्र 48 वर्ष और महेश कुमार 32 वर्ष भी विद्युत प्रवाह की चपेट में आने से बुरी तरह झुलसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि सभी घायलों को ट्राॅमा इमरजेंसी के रेड जोन में भर्ती किया गया है। बर्न केस के मामले में अंदरूनी जख्मों की गम्भीरता के मामले में बिना जांच के कुछ कहा नहीं जा सकता। लिहाजा सभी मरीजों की सघन जांच की जा रही है। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इसलिए अगले 12 घंटे तक आब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि एम्स निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम से कहा है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाए।