एकादशी का व्रत हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकदशी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने से लिए बहुत अच्छा माना जाता है। वहीं माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) का व्रत रखा जाता है।धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से षटतिला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इससे अलावा सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। इसेक अलावा पूजा में कुछ खास मंत्रों का जाप करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) आज
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत शुक्रवार 24 जनवरी को 7 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन शनिवार 25 जनवरी को रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस बार षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा।
षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) पारण का शुभ मुहूर्त
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है, इसलिए हिंदू पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी व्रत का पारण 26 जनवरी को किया जाएगा। वहीं इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में भक्त व्रत का पारण कर सकते हैं।
माता लक्ष्मी के मंत्र (Maa Lakshmi Mantra)
ॐ लक्ष्मी नम:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धनाय नमो नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
लक्ष्मी नारायण नम:
पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
ॐ धनाय नम:
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट
षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) महत्व
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन तिल का दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। क्योंकि इसे ही सृष्टि का पहला अन्न भी माना जाता है, इसलिए षटतिला एकादशी के व्रत में तिल का प्रयोग जरूर किया जाता है। कहते हैं ऐसा करने से जीवन में सुख, शांति और वैभव बना रहता है।