भगवान विष्णु के भक्त निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत रखेंगे। इस व्रत को भीमसेनी एकादशी व्रत या पांडव एकादशी व्रत के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस शुभ दिन की कथा महाभारत के समय से चली आ रही है। भीम जिसे भीमसेन के नाम से भी जाना जाता है ने भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने के लिए व्रत का पालन किया। एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi) का पारण अगले दिन किया जाता है ।
इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई को होगा। निर्जला एकादशी में बिना जल पिएं व्रत रखा जाता है। अन्य एकादशियों में लोग फलाहार करते हैं, लेकिन निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) में इस पर्व में ऐसा कोई विधान नहीं है। इसलिए इसे सर्वश्रेष्ठ एकादशी माना गया है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए और इन मंत्रों के जाप के क्या लाभ है।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप
विष्णु मूल मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय॥
भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
श्री विष्णु मंत्र
मंगलम भगवान विष्णुः, मंगलम गरुणध्वजः।
मंगलम पुण्डरी काक्षः, मंगलाय तनो हरिः॥
विष्णु स्तुति
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम: ॥
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर श्री हरि विष्णु के मंत्र जाप का लाभ
>> निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन विष्णु स्तुति करने और मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
>> मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से घर में भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी स्थायी रूप से निवास करती हैं।
>> निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों के जाप से घर में कभी भी आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं नहीं आती हैं।
>> इन मंत्रों के जाप से परिवार में हमेशा प्रेम बना रहता है और घर में खुशहाली आती है।