उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के स्वाधीनता आन्दोलन में सन 1922 की चौरी-चौरा की घटना महत्वपूर्ण कड़ी बनी। इसी प्रकार, काकोरी एवं अन्य घटनाओं ने भी स्वतंत्रता आन्दोलन को दिशा देते हुए 1947 में देश को आजाद कराया।
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की अध्यक्षता में राजभवन में ‘चौरी-चौरा गोरखपुर शताब्दी समारोह’ के सम्बन्ध में गठित राज्य स्तरीय आयोजन समिति की बैठक में श्री योगी ने बुधवार को संयुक्त रूप से ‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’ के ‘लोगो’ का विमोचन किया। बैठक में ‘चौरी-चौरा शताब्दी समारोह’ की कार्य योजना के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हुआ।
समारोह के अंतर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राज्य के सभी जनपदों में स्वाधीनता आंदोलन अथवा देश की रक्षा में शहीद हुए भारत माता के सपूतों के स्मारकों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं: #UPCM श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/18Wiv198Gf
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 20, 2021
श्री योगी ने कहा कि सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से स्वातंत्र्य समर का शुभारम्भ हुआ। ‘चौरी-चौरा शताब्दी समारोह’ 04 फरवरी, 2021 से लेकर 04 फरवरी, 2022 तक आयोजित होगा। चौरी-चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष समारोह शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का अवसर है। ‘चौरी-चौरा शताब्दी समारोह’ के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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इस मौके पर श्रीमती पटेल ने कहा कि कार्ययोजना बनाकर ‘चौरी-चौरा शताब्दी समारोह’ पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाए। यह आयोजन लोगों में राष्ट्र भक्ति और देशप्रेम की भावना जगाने में सहायक होगा। यह कार्यक्रम देश के लोगों में सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वदेशी की भावना को और मजबूत करने का माध्यम बनेंगे।
राज्यपाल ने गांवों में शहीद स्मारक निर्मित किए जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इन स्मारकों में शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम उल्लिखित किए जाएं। शहीदों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने वाली पुस्तिकाओं का भी प्रकाशन किया जाए। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित करने का भी सुझाव दिया, जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सके।