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टेढ़ी हो रही है बच्चों की नजर और गर्दन, हॉस्पिटलों में इतने मामले में आए सामने

Studies

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मोबाइल और कंप्यूटर पर ऑनलाइन क्लास करने, गेम खेलने और वीडियो देखने का साइड इफेक्ट बच्चों पर दिखना शुरु हो गया है। बच्चों की नजर व गर्दन टेढ़ी हो रही है। लखनऊ के बड़े चिकित्सा संस्थान व अस्पतालों में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। लोहिया संस्थान, सिविल अस्पताल व बलरामपुर अस्पताल में एक महीने में ऐसे 45 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

ऑनलाइन क्लास के बहाने गैजेट्स की लग रही है लत

विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार ऑनलाइन क्लास से कुछ ही दिक्कतें सामने आ रही हैं। ऐसा इसलिए है कि क्लास के दौरान बच्चा स्क्रीन के बहुत नजदीक नहीं होता है, बैठने की पोजीशन का भी ध्यान रखता है। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों के देर तक मोबाइल पर गेम खेलने व वीडियो देखने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। ज्यादातर बच्चे क्लास करने के बाद मोबाइल पर व्यस्त हो जाते हैं। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की लत लग चुकी है। इससे दिक्कतें बढ़ रही हैं।

बढ़ रहा चश्मे का नंबर

लखनऊ के सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पीके दुबे कहते हैं कि गत एक माह में करीब डेढ़ दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। ज्यादातर बच्चों की आंखों में जलन, खुजली, चश्मे का नंबर बढ़ने, आंखों व गर्दन में दर्द होने के साथ नजर टेढ़ी होने व गर्दन में खिंचाव की शिकायतें ज्यादा हैं।

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बलरामपुर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. संजीव गुप्ता ने बताया कि दिक्कत ऑनलाइन क्लास करने से नहीं है। मगर जब इसके बहाने बच्चे मोबाइल लेकर गेम खेलने जैसे कार्य करते हैं और अपना अधिकतर समय मोबाइल स्क्रीन पर बिताते हैं तो यह समस्या होती है। बलरामपुर में पिछले चार हफ्ते में करीब एक दर्जन से ज्यादा मामले आ चुके हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

लोहिया संस्थान के डा. एसके पांडेय के मुताबिक अभी तक करीब आठ-दस बच्चे ओपीडी में इलाज को आ चुके हैं। पूछताछ में बच्चों और उनके अभिभावकों ने बताया कि बच्चे मोबाइल पर गेम खेलने या वीडियो देखने में ज्यादा समय बिता रहे हैं। कई बार बच्चे स्क्रीन की लाइट को कम या ज्यादा कर लेते हैं और स्क्रीन के काफी नजदीक हो जाते हैं। ऐसे में उनके गर्दन में खिंचाव होने लगता है। नियमित ऐसा करने वाले बच्चों की गर्दन टेढ़ी हो रही है। वहीं जो बच्चे लेटकर या तिरछे होकर मोबाइल देख रहे हैं, उनकी नजर भी टेढ़ी हो रही है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

बच्चों को ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल की जगह टैबलेट या लैपटॉप मुहैया कराएं। ऑनलाइन क्लास के बहाने मोबाइल पर गेम न खेलने दें, बच्चों को लेटकर या तिरछे होकर मोबाइल स्क्रीन पर अधिक समय न गुजारने दें। स्क्रीन की लाइट कम या अधिक करके अथवा अंधेरे कमरे में मोबाइल नहीं देखने दें।

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