नई दिल्ली। भारत व चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सीमा के नजदीक 44 नए ब्रिज खोले जाने की अनुमति दे दी है। इसको लेकर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा है कि वह लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देता है। इसे भारत ने अवैध रूप से स्थापित किया है।
साथ ही चीन ने यह भी कहा है कि वह क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण का विरोध करता है। इसके साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने सीमा पर अधोसंरचना निर्माण को दोनों पक्षों के बीच तनाव का प्रमुख कारण बताया है। उनहोंने कहा कि किसी भी पक्ष को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे कि तनाव में इजाफा हो।
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झाओे ने भारत की ओर से लद्दाख क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश में आठ-आठ ब्रिज शुरू करने को लेकर यह प्रतिक्रिया दी। चीन के प्रवक्ता ने कहा कि पहले तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि चीन, लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देता। इसे और अरुणाचल प्रदेश को भारत ने अवैध रूप से स्थापित किया है।
हम सैन्य उद्देश्य से सीमा के पास बुनियादी सुविधाओं के विकास के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि सहमति के आधार पर किसी भी पक्ष में सीमा के आसपास ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे तनाव बढ़े। ससे स्थिति को सामान्य करने के दोनों पक्षों के प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पक्ष सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के साथ-साथ सेना की तैनाती कर रहा है। दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने का यह मूल कारण है।