Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 15 अक्टूबर को

गायत्री प्रसाद प्रजापति Gayatri Prasad Prajapati

गायत्री प्रसाद प्रजापति

 

नई दिल्‍ली। दुष्कर्म के आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अंतरिम जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट अंतरिम जमानत पर 15 अक्टूबर को गुरुवार को फैसला सुनाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीमारी के आधार पर प्रजापति को दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।

प्रजापति को 21 सितंबर को झटका लगा था। जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो महीने की अंतरिम जमानत देने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। साथ ही प्रजापति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया था। हाईकोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड के आधार पर पर अंतरिम जमानत दी थी।

ओसीआर बिल्डिंग में व्यवस्था अधिकारी की डेड बॉडी मिली, बिल्डिंग में सनसनी मची

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 4 सितंबर को पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंतरिम जमानत दी थी। अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद हैं। कोर्ट ने पांच लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ जमानत दी थी।

प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी डाली थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी। कोर्ट की शर्त थी कि वह अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दो महीने की अंतरिम बेल मंजूर की थी। दो महीने बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को सरेंडर करना था। गायत्री को तीन साल में पहली बार जमानत मिली थी। इस अंतरिम जमानत के लिए गायत्री को 3 साल 5 महीना 20 दिन का इंतजार करना पड़ा।

14 अक्तूबर को पीएम मोदी से ‘मन की बात’ करेंगे सुशांत के फैंस, करेंगे इंसाफ की मांग

बता दें कि गायत्री ने 15 मार्च 2017 को सरेंडर किया था। गायत्री ने अपनी एप्लिकेशन में हार्ट, इन्फेक्शन इत्यादि की दिक्कत बताई थी। यह बेल लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज रेप के मुकदमे में मिली थी। प्रजापति अपना इलाज पीजीआई में करा रहे हैं। कोर्ट ने साफ कहा था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान गायत्री द्वारा किसी भी तरह से पीड़ित परिवार को न डराया जाएगा, न ही धमकाया जाएगा। साथ ही किसी भी तरह से उन्हें प्रभवित नहीं किया जाएगा।

Exit mobile version