पूजा कमरा या पूजा स्थल (Puja Ghar) के बिना हर भारतीय घर अधूरा माना जाता है क्योकि ये वो स्थान है जहां परिवार के सदस्य दैनिक पूजा कर सकते है। घर चाहे कितना भी बड़ा या छोटा क्यूं ना हो, उसमें एक छोटा सा पूजा का कमरा (Puja Ghar) तो जरुर होता है। घर के अंदर एक पूजा का कमरा होना बहुत जरुरी है क्योंकि इससे घर में तथा इसमें रहने वालों को एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
पहले के समय में तो लोग शेल्फ पर भगवान की तस्वीरे रखकर पूजा कर लेते थे लेकिन आज पूजा रूम में काफी वैरायिटी देखने को मिलती है। अगर आप भी अपने घर के हिसाब से पूजा रूम के डिजाइन्स ढूंढ रहे हैं तो आप यहां से आइडिया ले सकते हैं।
कंटेम्पररी पूजा रूम डिज़ाइन
यह डिजाइन आपके लिविंग रूम या किसी अन्य रूम में जगह के अनुसार एकीकृत की जा सकती है। न्यूट्रल कलर के टाइल्स को डार्क कलर के वुडन बॉर्डर और सीढियों का अनोखा मेल किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। बैकग्राउंड में लगे टाइल्स को आप आराम से साफ भी कर सकते हैं।
दीवारों के बीच विलय
अगर घर में लम्बी दीवार या गलियारा है तो दीवार के बीच एक लकड़ी से बने मंदिर को दीवारों के बीच में सम्मिलित करवा सकते हैं । मूर्तियों और पूजा में रोज काम में आने वाले सामान को बेस पर रहे और ऊपर की खाली अलमारियों में कभी कभी काम आने वाले सामने को रखे।
रंग और प्रकाश व्यवस्था
मंदिर के लिए लाल और ऑरेंज जैसे चमकीले रंगो का प्रयोग करें। क्योंकि गहरे रंगों को जोड़ने से आपके छोटे मंदिर को सकारात्मक ऊर्जा मिल सकती है चाहे यह घर के अंधेरे कोने में स्थित क्यों न हो।दीवार पर ओम का चिन्ह इस पूजा क्षेत्र में एक धार्मिक प्रभाव डालता है।
बंद दरवाजों के पीछे
आप अपने घर के मंदिर को गलियारे या बालकनी के अंतिम छोर पर रखकर सार्वजनिक क्षेत्रों से दूर बना सकते है प्राइवेसी के लिए एक दरवाजे का निर्माण करें। इस ढंग से डिजाइन किए पूजा घर में आकर्षक कांच के दरवाज़े का इस्तेमाल करने से अच्छा लुक मिलता है।
वुडन पूजा रूम
पूजा रूम (Puja Ghar) में संगमरमर की सीढ़ी और चमकदार वॉलपेपर खूबसूरती बढाने के साथ साथ शांति भी पैदा करते हैं। साइड में बड़ी बड़ी खिड़कियों से आती ढेर सारी रौशनी पूजा रूम को मिट्टी के जैसा कमरा दिखाने में मदद करता है।