मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शनिवार को लगातार पांचवें दिन जनपदवार आपदा प्रभावित क्षेत्रों के तूफानी दौरे पर रहे। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रभावित लोगों में आस जगी है। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों का हाल जाना और उनका दुःख-दर्द साझा किया। इसके साथ ही क्षेत्र वार हुए नुकसान की जानकारी लेते हुए प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस मौके पर अपने हाथों से सहायता राशि के चेक वितरित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में बारिश और मौसम के लेकर चेतावनी के बाद राज्य से बाहर रहने के बावजूद भी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते रहे।
राज्य में 17 और 18 अक्टूबर को अतिवृष्टि से आई आपदा के बाद संकट झेल रही जनता के बीच लगातार मौजूद हैं। एक के बाद एक बैठक और मुख्यमंत्री के दौरे से सरकारी मिशनरी भी चौकस रही। जिसका असर राहत कार्यों पर दिख रहा है।
मुख्यमंत्री 19 अक्टूबर को आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत के साथ रुद्रप्रयाग और फिर नैनीताल जिले से अपने दौरे की शुरुआत की। बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित गांवों का भ्रमण करते हुए उन्होंने आपदा से प्रभावित लोगों से मिलकर उनका हाल जाना और ढाढस बंधाया। पीड़ितों की आम जरूरतों को पूरा करने के निर्देश उन्होंने जिलाधिकारी व अधिकारियों को दिए।
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मुख्यमंत्री 20 अक्टूबर को हल्द्वानी, रुद्रपुर, किच्छा, खटीमा, काशीपुर आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। तीसरे दिन 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए।
22 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने सीमांत जनपद चमोली के आपदा प्रभावित गांव डूंगरी पहुंचकर आपदा पीड़ितों का हाल जाना। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए चम्पावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए।
दौरे के पहले दिन मुख्यमंत्री ने चंपावत और पिथौरागढ़ के आपदाग्रस्त गांवों में पहुंचकर सभी पीड़ितों से मुलाकात की। उनकी परेशानियां पूछी और अधिकारियों को उनके समाधान के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए।