चंडीगढ़। दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान यमुना में पलूशन का मुद्दा जोरशोर से उछला था। तब आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर जानबूझकर यमुना में औद्योगिक कचरा बहाने का आरोप लगाया था। वहीं अरविंद केजरीवाल का आरोप था कि हरियाणा सरकार नदी में जहर मिलाकर लोगों को मार देना चाहती है। अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) ने यमुना नदी को स्वच्छ बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए इसमें किसी तरह से सीवेज का पानी नहीं छोड़े जाने के आदेश दिए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि नदी में किसी भी तरह से सीवेज का पानी नहीं छोड़ा जाए। हरियाणा राज्य सूखा राहत और बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शनिवार को नायब सिंह सैनी ने कहा कि यमुना को साफ रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) ने पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करें ताकि दूषित पानी यमुना में नहीं जाए।
सीएम सैनी (CM Nayab Saini) ने अधिकारियों को रेवाड़ी के मसानी बैराज में स्थित सभी 6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य पद्धति की जांच करने और उनकी उचित देखरेख सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को अपने क्षेत्रों में नालों और नहरों की सफाई कराने और मॉनसून के दौरान जलभराव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण बोर्ड का ध्यान शहरों और गांवों में मजबूत ढांचे तैयार करने और मजबूत बुनियादी ढांचे की स्थापना पर होना चाहिए।
इससे मानसून के सीजन में घरों और खेतों में पानी का बहाव रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी प्रमुख नहरों की गाद निकालने और पुरानी नहरों की मरम्मत के आदेश दिए हैं। बैठक में हरियाणा राज्य सूखा राहत और बाढ़ नियंत्रण बोर्ड ने बाढ़ नियंत्रण के लिए कुल 352 योजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी लागत 657.99 करोड़ रुपये है।