हरिद्वार में चल रहे कुंभ में सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया। शाही स्नान के दौरान घाटों पर उमड़ी भीड़ के फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुए। लोगों ने इसकी तुलना 2020 में दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह में हुए मरकज से करते हुए आलोचनाएं भी कीं। लेकिन इसका जवाब उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहजता से दिया और कहा कि कुंभ की तुलना मरकज से नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि मरकज एक हॉल के अंदर था। उसी हॉल में लोग सोते भी थे। वहीं कुंभ में 16 घाट हैं। केवल हरिद्वार ही नहीं कुंभ ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ तक फैला है। लोग एक सही जगह पर स्नान कर रहे हैं और इसके लिए भी समय सीमा है। इसकी तुलना मरकज से कैसे की जा सकती है।
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सीएम ने सोमवार को कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सोमवती अमावस्या पर हुआ शाही स्नान पूरी तरह से सफल रहा है और इसमें संत समाज का पूर्ण सहयाग रहा। साथ ही उनहोंने कहा कि साधु संत जिस तरह की सुविधाएं चाहते थे वे सभी मुहैया करवाई गई हैं। सीएम रावत ने इस दौरान अधिकारियों और मीडिया का भी आभार जताया।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने जानकारी दी कि सुबह 9 बजे तक की 15 लाख लोग शाही स्नान कर चुके थे और शाम तक ये संख्या 28 लाख तक पहुंच गई थी। इसी के साथ उन्होंने संभावना जताई कि देर शाम तक ये संख्या 35 लाख को पार कर सकती है। उन्होंने कहा कि शाही स्नान के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र की ओर से जारी की गई कोराना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया है।
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सोमवती अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान के दौश्रान सभी 13 अखाड़ाें ने आस्था की डुबकी लगाई। अखाड़ा के स्नान करने के बाद ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए ब्रम्हकुंड स्नान के लिए खोले गए।