रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को औद्योगिक और आर्थिक विकास के नए शिखर पर ले जाने की दिशा में आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) की अध्यक्षता में महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र के स्थापना की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। इस संयंत्र के लिए बिलासपुर, चांपा के समीप नेशनल हाईवे से लगी 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया गया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय रोजगार सृजन और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देना है। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30, जो एक नवंबर 2024 से लागू हुई, ने राज्य को निवेशकों के लिए अनुकुल बना दिया है। इस नीति का मूल मंत्र न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन है, जिसके तहत उद्योगों को स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, ऑनलाइन आवेदन, और त्वरित प्रोसेसिंग जैसी सुविधाओं ने उद्यमियों के लिए छत्तीसगढ़ में कारोबारी माहौल को आसान किया है। नीति में फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है।
इस नीति के तहत उद्योगों को 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, 5 से 12 वर्ष तक की कर छूट और ब्याज अनुदान जैसे आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा, 1000 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पॉलिसी और प्रति व्यक्ति 15,000 रुपये तक का प्रशिक्षण अनुदान भी शामिल है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करना है, जो स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बीईएमएल के हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरिंग संयंत्र की स्थापना से न केवल छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इस संयंत्र के लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आवंटित करने का निर्णय निवेशकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह कदम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा। इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि लाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए हैं। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योगों को सभी स्वीकृतियां एक ही मंच पर प्रदान की जा रही हैं, जिससे समय और लागत की बचत हो रही है। ऑनलाइन सुविधाओं के विस्तार ने भी उद्योगों की स्थापना को गति दी है।
उद्यमी अब घर बैठे विभिन्न स्वीकृतियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए सार्थक पहल की है। दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु में आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में देश-विदेश के उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुंबई समिट में 6,000 करोड़ रुपये, दिल्ली में 15,184 करोड़ रुपये, और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की सहमति ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक क्षमता को रेखांकित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ में 218 नई परियोजनाओं में 1,63,749 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो देश के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है।
यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को देश के टॉप टेन निवेश वाले राज्यों में शामिल कर दिया है। मुख्यमंत्री साय (CM Vishnudev Sai) ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल नीतियों के साथ हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति न केवल उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देती है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि पर भी जोर देती है। हमारा लक्ष्य अमृतकाल-छत्तीसगढ़ विजन 2047 नवा अंजोर के तहत विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है। उन्होंने कहा कि राज्य अब नक्सल प्रभावित छवि से बाहर निकलकर एक औद्योगिक और तकनीकी हब के रूप में उभर रहा है।