प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में गंगा और वरूणा नदी में आई बाढ़ की विभीषिका का कहर झेल रहे नागरिकों के पीड़ा से रूबरू हुए। गुरूवार शाम दो दिवसीय दौरे पर शहर में आये मुख्यमंत्री ने राजघाट से एनडीआरएफ के मोटर बोट से पुराना पुल तक बाढ़ का जायजा लिया।
इसके बाद सरैया स्थित आलिया गार्डन में बनाए गए राहत केंद्र में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा सुनी और मानवीय संवेदना का मलहम लगाते हुए उनके बीच राहत सामग्री वितरित की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को भरोसा दिया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है, चिंता करने की कोई बात नहीं है। उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी लेकर दो टूक कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए। यहां से मुख्यमंत्री जेपी मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पर पहुंचे और यहां पर रह रहे 60 से अधिक बाढ़ प्रभावित परिवारों के लोगों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्हें मिल रहे राहत सुविधाओं की भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने लगभग 37 लोगों को राहत सामग्री की भारी पैकेट एवं आलू, प्याज से भरा झोला भी भेंट की।
राहत राशन सामग्री उपलब्ध कराते हुए कई लोगों द्वारा पैकेट न उठा पाने पर मुख्यमंत्री ने कहा की बहुत वजनी बैग है, कैसे जाएगा। वहां मौजूद महिला ने बताया कि परिजनों के साथ आसानी से चला जायेगा। मुख्यमंत्री ने कॉलेज परिसर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मवेशियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने 20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़े फागिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहें।