राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांधी जयंती पर शनिवार को एक लाख, 51 हजार, 215 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरित किये। सांकेतिक रूप से 10 छात्रों को छात्रवृत्ति का प्रमाण पत्र दिया गया। मेधावियों के बैंक खाते में कुल 177.35 करोड़ धनराशि ऑनलाइन भेजी गयी।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डिप्टी डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री रमापति शास्त्री, स्वामी प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर, नंद गोपाल नंदी, मोहसिन रजा मौजूद रहे। इससे पहले गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और गांधी जी का प्रिय भजन ईश्वर अल्लाह तेरे नाम सबको सन्मति दे भगवान…की प्रस्तुति भी हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को नमन किया। आजादी के आंदोलन के दो महापुरुषों के चरणों में कोटि कोटि श्रधांजलि अर्पित करता हूँ। हम सब जानते हैं गांधी आजादी के एक ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने हिंसा के बजाए अहिंसा, असत्य के बजाए सत्य के साथ उस वक्त लड़ाई लड़ी जब लोग यह कह रहे थे गुलामी नहीं छूटेगी। बापू की आज 152वीं जयंती है। 15 अगस्त 2022 को आजदी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि इसके साक्षी बनेंगे। गांधी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय थे। धोती पहनकर एक सामान्य व्यक्ति अंग्रेजों से कैसे लड़ पायेगा। वह अंग्रेज जिनके राज्य में कभी सूरज अस्त नहीं होता। गांधी ने उस वक्त जो कहा था वह आज भी प्रासंगिक है। 2014 में मोदी ने स्वच्छ्ता को महत्व दिया। स्वच्छता की इस मुहिम से नारी गरिमा को भी बल मिला।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि स्वच्छता का बहुत महत्व है। इससे स्वास्थ्य की चिंता तो होती ही है। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में जागरूकता से कैसे बीमारी से लड़ाई लड़ी गयी। मस्तिष्क ज्वर से डेढ़ से दो हजार बच्चों की मृत्यु होती थी। आज 98 फीसदी मृत्यु कम हुई है। गांधी 1916 में स्वच्छता पर जोर देते थे। अपने समय में स्वच्छ्ता और स्वदेशी आंदोलन को हथियार बनाया था।
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कोरोना काल में जब रोजगार की समस्या खड़ी हुई तब पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया। आत्मनिर्भर की नींव स्वदेशी के माध्यम से ही सकता है। मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओडीओपी योजना को आगे किया गया। बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। गांधी जी ग्राम स्वरोजगार की सोच आज की जरूरत है।
मुख्यमंत्री योगी ने लाल बहादुर शास्त्री ने भारतीय राजनीति में पवित्रता, पारदर्शिता और शुचिता को साकार किया। शास्त्री महज 62 साल की उम्र में नहीं रहे। वह गांधी के अनुयायी थे, लेकिन उन्होंने कहा कि भारत किसी के सामने झुकेगा नहीं। हम किसी से लड़ने नहीं जाएंगे। लेकिन कोई छेड़ेगा तो हम कड़ा जवाब जरूर देंगे। खाद्यान्न के मामले भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शास्त्री ने देश को नई दिशा प्रदान की।