लखनऊ। देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन सिंह रावत की स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए ही उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के सैनिक स्कूल का नामकरण जनरल विपिन रावत के नाम पर किया गया। वहां पर जनरल रावत आदमकद प्रतिमा भी लगाई जाएगी। उनके जन्मदिन पर 16 मार्च को वहां भव्य कार्यक्रम किया जाएगा। उनकी सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है। उत्तराखण्ड देवभूमि तो है ही लेकिन देवभूमि होने के साथ ही देश की रक्षा में अग्रिम पंक्ति में प्रतिनिधित्व करने वाली भूमि भी है। भारतीय सेना में वहां के हर घर से कोई न कोई सदस्य है। सेना में नायक से लेकर जनरल की पोस्ट तक में उत्तराखण्ड का सपूत देखने को मिलता है। वहां के लोग देश की रक्षा करने में अपने को गौरवशाली और सौभाग्यशाली भी समझते हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने आज यानि सोमवार को लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद की ओर से चल रहे उत्तरायणी कौथिग (Uttarayani Kauthig) के अंतिम दिन समापन अवसर पर कही। वह कौथिग में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देश के पूर्व सीडीएस रहे जनरल विपिन सिंह रावत के छोटे भाई कर्नल विजय सिंह रावत को वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सम्मान से विभूषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत इस आयोजन में कई बार आ चुके थे।
मकर संक्रांति पर 14 जनवरी से शुरू हुए दस दिवसीय उत्तरायणी कौथिग की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उत्सव जहां वर्तमान पीढ़ी के सामने अपनी संस्कृति और परम्परा प्रस्तुत करता है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत और श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी मूर्तरूप देता है। उन्होंने कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष है। 15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हर घर तिरंगा लहराकर हर भारतवासी ने साबित कर दिया था कि चाहे मजहब अलग हो, भाषा अलग हो लेकिन देश के प्रति भावना एक है। उस समय भारत की 140 करोड़ की आबादी एक स्वर में बोल रही थी।
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उन्होंने (CM Yogi) उस समय प्रधानमंत्री जी ने कुछ संकल्प गिनाए थे। कहा था कि अगर कोई गुलामी का चिन्ह है तो उसे मिटाना होगा। अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। अपने कर्तव्य को निभाना है। जो जहां पर है वह अपने कर्तव्य को ठीक प्रकार से निभाना होगा। सबको साथ लेकर चलना होगा। यहीं से प्रारम्भ होगा एक भारत श्रेष्ठ का निर्माण। भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। उत्तर प्रदेश में जी 20 की कुछ मीटिंग होगी। दुनिया को अपनी समृद्धि को दिखाने का यह एक अवसर है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि गाजियाबाद में उत्तराखण्ड के भवन का निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो गया है। जमीन दे दी गई है, पैसा भी उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पर्वतीय परिषद और नगर निगम के बीच समझौता करा दिया जाएगा, जिससे आप अपना काम करें। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग एक साथ कोई प्रस्ताव लाएं। सब अलग-अलग बात करते हैं, एक स्वर में बोले।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाने, खेतों में रसायनिक खादों के प्रयोग न करने की बात भी कही। बताया कि उत्तराखण्ड में मेरे बचपन के 14-15 साल बीते हैं। खेतों में जब कोई कीड़ा लग जाता था तो मां गंगा जल का पानी छिड़क देती थी। सब ठीक हो जाता था। इसके अलाव उन्होंने वहां की गढवाली, जौनसारी बोली में कोई साहित्य है तो उसे भाषा संस्थान से प्रकाशित करवा जाएगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में सकारात्मक सोच है, वहां के तो पशु भी हिंसक नहीं है। अंत में पर्वतीय महापरिषद के लोगों से कहा कि आपकी समस्या के समाधान के लिए हम तो बैठे ही हुए हैं।
इससे पहले, पर्वतीय महापरिषद के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। परिषद के अध्यक्ष ने स्वागत करते हुए अपनी कुछ मांगे भी रखी। कार्यक्रम में विधायक गोपाल टण्डन व प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी उपस्थित रहे।