• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सीएम योगी रामायण विश्‍वमहाकोश के प्रथम संस्‍करण का करेंगे विमोचन

Desk by Desk
05/03/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, राजनीति, लखनऊ
0
cm yogi

cm yogi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। भारतीय संस्‍कृति और दुनिया भर के राम भक्‍तों के लिये गौरव का प्रतीक बनने जा रहे रामायण विश्‍वमहाकोश का प्रथम संस्‍करण प्रकाशन के लिए तैयार हो गया है। शनिवार को जानकी नवमी के अवसर पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इस विमोचन करेंगे।

गढ़चिरौली में महाराष्ट्र पुलिस पार्टी पर सैकड़ों नक्सलियों का हमला, सी60 कमांडो ने संभाला मोर्चा

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि गोमती नगर के संगीत नाटक अकादमी परिसर में संत गाडगे प्रेक्षा गृह में आयोजित होने जा रहे विमोचन कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. अखिलेख मिश्र समेत देश और दुनिया के कई विद्वान भी मौजूद रहेंगे। अयोध्‍या शोध संस्‍थान द्वारा तैयार किया जा रहा रामायण विश्‍वमहाकोश का संस्‍करण ई बुक के रूप में भी लांच किया जाएगा। रामायण विश्‍व महाकोश के पहले संस्‍करण का अंग्रेजी भाषा में विमोचन किया जाएगा। एक महीने बाद हिन्‍दी और तमिल भाषा में प्रथम संस्‍करण को प्रकाशित किया जाएगा।

सुशांत ड्रग केस : एनसीबी ने दाखिल की चार्जशीट, रिया चक्रवर्ती समेत 33 को बनाया आरोपी

उत्‍तर प्रदेश संस्‍कृति विभाग विदेश मंत्रालय के सहयोग से दुनिया के 205 देशों से रामायण की मूर्त व अमूर्त विरासत संजोकर रामायण विश्‍वमहाकोश परियोजना को साकार करने में जुटा है। इसके लिए विभाग की ओर से रामायण विश्‍वमहाकोश कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और दिल्ली देश के कई राज्‍यों से 70 विद्वान शामिल हैं।

रामायण विश्‍वमहाकोश को 200 खंडों में प्रकाशित करने की योजना है। इसके लिए अयोध्‍या शोध संस्‍थान ने देश और दुनिया भर में संपादक मंडल और सलाहकार मंडल का गठन किया है। रामायण विश्वमहाकोश के प्रथम संस्करण का डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर ने तैयार किया है ।

पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रमणीय आरक्षण लागू कर योगी ने साधे एक तीर से कई निशाने

सूत्रों ने बताया कि रामायण विश्वमहाकोश के पहले संस्करण के साथ उड़िया, मलयालम, उर्दू और असमिया भाषा में भी रामायण के प्रकाशन का विमोचन किया जायेगा। अयोध्या के बारे में सबसे पुरानी और प्रमाणिक पुस्तक ‘अयोध्या महात्म’ को वैश्विक स्तर पर विस्तारित करने के लिए इसे अंग्रेजी भाषा में विमोचित किया जायेगा। इस मौके पर कार्यशाला में रामायण विश्वमहाकोश के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी है। इसमें प्रमुख चित्रों को संजोया गया है । इस अवसर पर ‘रामायण की नारी’ पर आधारित सीनियर एवं जूनियर वर्ग की छात्राओं द्वारा चित्र प्रदर्शनी भी लगाई ।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 30 मई, 2018 को अयोध्या शोध संस्थान, अयोध्या की समीक्षा बैठक में विश्व के समस्त रामायण स्थलों का सर्वेक्षण एवं प्रकाशन कराए जाने के निर्देश दिए थे । संस्‍कृति विभाग ने इस पर अमल करते हुए पहले संस्‍करण को साकार रूप दे दिया है।

वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान, ईरान ईराक, यूरोप समेत दुनिया भर के देशों में लगभग 5000 वर्ष पूर्व से रामायण की मूर्त विरासत, स्थापत्य, मूर्ति और चित्रकला आदि के साक्ष्‍य मिलते हैं। कार्यशाला में शामिल विद्वानों के मुताबिक यूरोप के लगभग सभी देश राम को अपना पहला पूर्वज स्वीकार करते हैं। विद्वानों का दावा है कि गांधार क्षेत्र में 2500 ईसा पूर्व ‘राम तख्त’ प्राप्त होते हैं और गान्धार के अनेक गाँवों के नाम राम और सीता पर हैं । तक्षशिला का नाम भरत के बड़े पुत्र तक्ष के नाम से है । पाकिस्तान का पूरा गांधार क्षेत्र रामायण संस्कृति से समृद्ध है ।

ईराक में 2000 ईपू बेनूला की घाटियों में राम और हनुमान की प्रतिमायें मिलना रामायण क्षेत्र की पुष्टि करता है। ईरान और ईराक के सम्मिलित खुर्द क्षेत्र में रामायण कालीन अनेक सन्दर्भ आज से 5000 वर्ष पूर्व के आज भी विद्यमान हैं।

विद्वानों के मुताबिक यूरोप में रोमन सभ्यता के पूर्व इटली में रामायण कालीन सभ्यता विद्यमान है। इसके प्रमाणिक साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। वेटिकन सिटी को पूर्व वैदिक सिटी कहा जाता है फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैण्ड में भी इस संस्कृति के तत्व विद्यमान हैं।

भारतीय विश्वास एवं परम्परा पाताल लोक में अहिरावण, हनुमान एवं मकरध्वज के प्रसंग से पूरी तरह जुड़ी हुई है जिसके प्रमाणिक साक्ष्य वर्तमान में होण्ड्रस, ग्वाटेमाला, पेरू में विद्यमान हैं। पेरू में जून माह में प्रतिवर्ष सूर्य महोत्सव का नियमित आयोजन होता है। सूर्य मन्दिर पेरू, मुल्तान, कोणार्क व बहराइच में थे। बहराइच के सूर्य मन्दिर से तीन विध्वंस करने सालार मसूद गाज़ी आया था।

Tags: Ramayana Vishwamakoshअहिरावणकोणार्कजानकी नवमीपरम्परा पाताल लोक में अहिरावणबहराइचबहराइच के सूर्य मन्दिरमकरध्वज के प्रसंगमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथमुल्तानरामायणरामायण विश्वमहाकोशसीएम योगीसूर्य मन्दिर पेरूहनुमान
Previous Post

दिल्ली के सभी प्रवेश मार्गों को 6 मार्च को जाम करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

Next Post

भारत ने अब तक 50 देशों को भेजा ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना का टीका

Desk

Desk

Related Posts

Azam Khan
Main Slider

मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन अब तो… आजम खान का छलका दर्द

03/10/2025
Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
Papankusha Ekadashi
Main Slider

आज रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें इसका महत्व

03/10/2025
Panchak
Main Slider

आज से लग रहे है चोर पंचक, गलती से भीं करें ये काम

03/10/2025
Sharad Purnima
Main Slider

कब मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा? जानें पूजा विधि और मुहूर्त

03/10/2025
Next Post
कोरोना का टीका corona vaccine

भारत ने अब तक 50 देशों को भेजा 'मेड इन इंडिया' कोरोना का टीका

यह भी पढ़ें

Muli ki Chutney

सर्दियों में खाने का स्वाद दोगुना कर देगी ये चटनी, ये है रेसिपी

15/12/2023
fire

स्पा सेंटर में लगी भीषण आग, महिला कर्मचारी सहित दो लोग जिंदा जले

17/02/2022
CM Dhami reached ground zero amidst the devastation

तबाही के बीच ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचे CM धामी, बचाव कार्य तेज करने के निर्देश

16/09/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version