उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा उपाध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार नितिन अग्रवाल की जीत पर बधाई देते हुए इसे 2022 के विधान सभा चुनाव परिणाम की तस्वीर कहा है। उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी सहित पूरा विपक्ष अंतर्विरोधों से ग्रस्त है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उपाध्यक्ष के चुनाव में भी समाजवादी पार्टी विपक्ष को एकजुट नहीं कर पायी। इन्हें विस उपाध्यक्ष परिणाम का भी पता था और 2022 के चुनाव परिणाम की भी जानकारी है। जो परिणाम आज आया है, वही एक बार फिर 2022 में भी आएगा।
मुख्यमंत्री योगी सोमवार को विधान सभा में उपाध्यक्ष चुनाव में नितिन अग्रवाल की जीत के बाद सदन को संबोधित कर रहे थे। सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा को मात्र 60 वोट मिलने पर योगी ने वर्मा के प्रति सहानुभूति भी जताई। साथ ही कहा कि चार साल पहले यही सपा यदि उन्हें उम्मीदवार बनाती तो संभवतः उनकी जीत हो सकती थी। लेकिन, उनकी अपनी पार्टी ने रिजल्ट जानते हुए भी उपाध्यक्ष चुनाव के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया। यह एक धोखा है, जो सपा ने नरेंद्र वर्मा के साथ किया।
सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने पूरे साढ़े चार साल तक इंतजार किया, लेकिन सपा ने उपाध्यक्ष पद के लिए कोई नाम आगे नहीं किया। इन्हें अपने सदस्यों तक की पहचान नहीं है। अंततः सदन के अंतिम छह माह शेष रहते देख भाजपा ने इस परंपरा को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
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उन्होंने नितिन अग्रवाल के रूप में सदन को एक युवा, ऊर्जावान और अनुभवी उपाध्यक्ष मिलने पर खुशी जताते हुये कहा कि ‘तकनीकी रूप से’ नितिन भी सपा के ही सदस्य हैं और इस तरह भाजपा ने सदन की परंपरा का ही निर्वाह किया है।
2022 विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार तय होने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने सपा को परिवारवाद की सोच से ऊपर उठकर व्यापक हित में सोचने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सपा के लिए परिवार ही प्रदेश है, जबकि भाजपा के लिए पूरा प्रदेश एक परिवार है।
विधान सभा उपाध्यक्ष चुनाव के चलते गरम रहे सदन के माहौल में मुख्यमंत्री योगी ने हास्य-विनोद की फुहार भी छोड़ी। मतदान से पहले नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के बीच हुई तीखी नोक-झोंक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह नेता विपक्ष बड़ी तैश में बातें कर रहे थे, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री ने भी शाहजहांपुर का आटा खाया है और उसी ताकत से नेता विपक्ष को जवाब भी दिया। अब नेता विपक्ष को बलिया के काले गाजर का हलवा खाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष रामगोविंद संवाद में यकीन रखने वाले एक सज्जन व्यक्ति हैं, लेकिन दलीय अंतर्विरोधों को झेलने की ताकत नहीं रखते। इसलिए सदन में अनावश्यक झगड़ पड़ते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सदन में ‘सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल’ पर हुई 36 घंटे की विशेष चर्चा का भी उल्लेख किया और कहा कि जब गरीबी, अशिक्षा, महिला उत्थान, युवा कल्याण जैसे विषयों पर विमर्श होता है तो समाजवादी पार्टी कभी प्रतिभाग नहीं करती। सीएम ने बीते साढ़े चार वर्षों में विधानमंडल में जनमहत्व के अनेक विषयों पर हुई चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों का आभार भी जताया।