उत्तर प्रदेश में गुरूवार से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर हुयी सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी।
विधान भवन में आहूत बैठक में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सभी दलों से सहयोग प्रदान करने की अपील की। उन्होने कहा कि तार्किक, तथ्यपरक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूरे सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित करने से नहीं, बल्कि सदन में प्रभावी और तर्कसंगत चर्चा से समाधान निकलता है। सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है।
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उन्होने कहा कि सदन के सदस्य जनता की प्रतिमूर्ति होते हैं। उनका आचरण समाज को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा दिया जाने वाला कोई भी सुझाव या कोई भी बात इतनी प्रभावी और महत्वपूर्ण होनी चाहिए कि वह प्रदेश और देश के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो। ये ऐसी बाते हैं, जो लोकतंत्र को पुष्ट करती हैं। राज्य सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का एक मात्र राज्य था, जिसने कोविड-19 के दौरान भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सदन चलाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि देश ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई लड़ी।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है। बैठक में समाजवादी पार्टी के राम गोविन्द चौधरी, बहुजन समाज पार्टी के लालजी वर्मा, काँग्रेस की आराधना मिश्रा ‘मोना‘, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के त्रिवेणी राम तथा अपना दल (सोनेलाल) के नील रतन सिंह पटेल ‘नीलू’ ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।