लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने 43 दिन में 202 से ज्यादा रैलियां और रोड शो कर रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 रैलियां और रोड शो किए हैं।
विधानसभा चुनाव (UP Election) के आगाज के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के कारण निर्वाचन आयोग ने शुरुआत में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाया था। कोरोना संक्रमण पर जैसे-जैसे नियंत्रण हुआ वैसे-वैसे आयोग ने लोगों की संख्या निर्धारित कर रैलियों की अनुमति दी थी। भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya) सहित अन्य नेताओं ने लोगों की सीमित संख्या में सभा के साथ चुनावी रैलियां शुरू कीं।
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पीएम मोदी (PM Modi) ने पहले चरण में वर्चुअल रैलियां (Virtual Rallies) कीं। इनमें लाखों लोगों ने मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए मोदी को सुना। मोदी की पहली सभा बिजनौर में प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी कारणों से सभा स्थगित होगी गई। मोदी ने पहली चुनावी सभा सहारनपुर में की थी। प्रधानमंत्री ने 23 दिन में 27 रैलियां और रोड शो किए हैं।
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चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों की सबसे अधिक मांग रही। भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी के उम्मीदवारों की भी पहली पसंद योगी की सभा थी। योगी ने 21 जनवरी से 4 मार्च तक 202 रैलियां और रोड शो किए हैं। 5 मार्च को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उनके पांच कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। योगी ने ताबड़तोड़ एक-एक दिन में पांच से सात सभाएं की हैं।
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योगी खुद गोरखपुर शहर से प्रत्याशी हैं, अपना क्षेत्र संभालने के साथ उन्होंने उत्तराखंड में भी भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में रैलियां की। गृहमंत्री अमित शाह ने 61 रैलियां और रोड शो कर विपक्ष को आड़े हाथों लेने के साथ भाजपा की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा। भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव प्रबंधन की व्यस्तता के बीच यूपी में 41 से अधिक सभाएं की।
केशव मौर्य ने भी लगाया रैलियों का शतक
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी चुनावी रैलियों का शतक लगाया है। केशव सिराथू से चुनाव भी लड़ रहे हैं। सिराथू में चुनाव प्रचार के साथ केशव ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के समर्थन में सौ रैलियां और रोड शो किए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने 80 से अधिक रैलियां और रोड शो किए। केशव और स्वतंत्रदेव पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग में भाजपा का चेहरा हैं।
चुनाव से पहले योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी सहित पिछड़े वर्ग के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़कर चले जाने से केशव और स्वतंत्रदेव पर प्रचार के साथ पिछड़े वर्ग को साधने की भी बड़ी जिम्मेदारी थी। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी 40 से अधिक सभाएं की। शर्मा के पास टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के साथ ब्राह्मणों से समन्वय की जिम्मेदारी थी।