अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कावंड यात्रा पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है।
महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को कहा कि धार्मिक आस्था और परंपरा जरूरी है, लेकिन लोगों का जीवन बचाना उससे कहीं ज्यादा जरूरी है। इसको देखते हुए अखाड़ा परिषद, कांवड़ संघों और दूसरे साधु संतों ने भी मुख्यमंत्री से इस वर्ष कांवड़ यात्रा पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।
योगी सरकार ने लोगों के जीवन रक्षा के मद्देनजर इस साल कावड़ यात्रा पर पाबंदी लगा दी है जिसका सभी साधु संत स्वागत करते हैं। उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने की ओर तो है पर तीसरी लहर के आने की आशंका भी है। ऐसे में पहले जीवन की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए। नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
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महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि कांवड़ यात्रा कराई जाए लेकिन कोरोना की वजह से इसे स्थगित करना ही श्रेयस्कर है। लोग सुरक्षित रहेंगे तो कांवड़ यात्रा निकलती रहेगी। उन्होने कहा कि योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाकर दूरदर्शिता का परिचय दिया है।
गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में कावंड़ यात्रा शुरू होती है। सावन महीने शिवभक्त तीर्थश्राज प्रयाग से काशी बाबा विश्वनाथ धाम ,बिहार में वैद्यनाथ धाम समेत अन्य पवित्र स्थलों पर जाने के लिए पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप में प्रवाहित त्रिवेणी संगम के दारागंज स्थित दशासवमेध, संगम घाट समेत विभिन्न घाटों से गंगाजल भरने आते हैं।