सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बाहूबली नेता मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश लाने की कवायद चल रही है। इस बीच मुख्तार की अवैध एंबुलेंस की जांच चल रही है। इस एंबुलेंस केस की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को सौंपी गई है। इस बीच यूपी के सीएम योगी अदित्यानाथ ने मुख्तार अंसारी की अवैध एंबुलेंस को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
यही नहीं, सीएम इस मामले को लेकर प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ अपने आवास पर बैठक भी करेंगे और पूरे मामले पर अपडेट लेंगे। इसके साथ ही मुख्तार की एबुलेंस बरामदगी की गहन जांच होगी।
इससे पहले यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा था जिस एंबुलेंस से एक हफ़्ते पहले मुख्तार मोहाली कोर्ट पहुंचा था वो इतनी जल्दी कबाड़ी जैसी कैसे बन गयी। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस बदल कर उसकी जगह कोई खराब गाड़ी रखी है इसकी पूरी गुंजाइश है। इसका मकसद तमाम सुराग मिटाना हो सकता है।
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बता दें कि पुलिस की जांच में एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंट्स और मकान का पता फर्जी पाया गया है। जिसके चलते जिस डॉक्टर अल्का राय के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन है, उनके खिलाफ पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। बाराबंकी की नगर कोतवाली में 419, 420, 467, 468 और 471 की धाराओं में केस दर्ज करके पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
इस बाबत बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि बीते कुछ दिनों से मीडिया के माध्यम से एक एंबुलेंस के बारे में सूचना मिल रही थी। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर UP 41 AT 7171 है. यह वाहन बाराबंकी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत मिला। परिवहन कार्यालय और बाकी संबंधित विभागों से इस एंबुलेंस के संबंध में सूचना इकट्ठा की गई।
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जिसमें सामने आया कि इस वाहन को रजिस्टर्ड कराने के लिए जो कागजात जैसे मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और दूसरे डाक्यूमेंट्स सभी फर्जी निकले।