उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन बृहस्पतिवार की शाम गोरखनाथ मंदिर में कलश की स्थापना करेंगे और इसके साथ ही यहां विशेष अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
गौरतलब है कि गुरु गोरक्षनाथ जहां भगवान शिव के अवतार हैं , वहीं नाथपंथी योगी शैव मतावलम्बी हैं, लेकिन गोरक्षपीठ में शिव के साथ शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र अनवरत साधना चलती है। नवरात्र की पूर्णाहुति पर राघव अर्थात भगवान राम का राजतिलक करने की परंपरा अन्यत्र नहीं दिखती। विजयादशमी यानी दशहरा पर राघव-शक्ति मिलन में गोरक्षपीठाधीश्वर श्री योगी स्वयं खुद मौजूद रहेंगे।
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के अनुसार गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर बाद गोरखपुर आएंगे । इसके बाद शाम के समय नवरात्र प्रतिपदा पर गोरखनाथ मंदिर में परम्परागत कलश यात्रा निकलेगी। मंदिर के प्रधान पुजारी की अगुवाई में यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी जिसमें सभी पुजारी, योगी, वेद पाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे।
कलश यात्रा में शिवशक्ति और बाबा गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ लेकर चलते हैं। परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को नौ दिन मंदिर में ही रहना होता है। भीम सरोवर से जल से मठ के प्रथम तल पर कलश की स्थापना कर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ मां भगवती की उपासना करेंगे।
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मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मठ में शारदीय नवरात्र में श्रीमददेवीभागवत की कथा एवं दुर्गा शप्तशती का पाठ प्रतिपदा से विजयाशदमी तक हर दिन अपराह्न सुबह एवं शाम 4 बजे 6 बजे तक चलेगा। देवी.-देवताओं के आह्वान के साथ पूजन-आरती होती है। अष्टमी की रात्रि 13 अक्टूबर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महानिशा पूजन करेंगे।
उन्होंने बताया कि नवरात्र में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नौ दिन उपवास रखेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के पहले वह अनवरत नौ दिन शक्ति की आराधना करते थे और मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाते थे।
नौ दिन व्रतोपासना की पूर्णाहुति हवन और कन्या पूजन से होती है। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर गुरुवार को पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कन्याओं का मातृ स्वरूप में पूजन कर उनके पांव पखारेंगे। बटुक भैरव के रूप में कुछ बालक भी शामिल होंगे। यह कार्यक्रम मठ के प्रथम तल पर 12 बजे आयोजित होगा।विजयादशमी के दिन 15 अक्टूबर को 9 बजे सुबह श्रीनाथ जी का विशिष्ट पूजन गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ करेंगे। उसके बाद सभी देव विग्रह एवं समाधि पर पूजन होगा। अपराह्न एक बजे से तीन बजे तक तिलकोत्सव का कार्यक्रम चलेगा। उसके बाद शाम चार बजे मुख्यमंत्री श्री योगी रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर में देव विग्रहों का पूजन एवं अभिषेक करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके बाद मुख्यमंत्री मानसरोवर रामलीला मैदान में प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे और बाद में राघव-शक्ति मिलन की परंपरा का निर्वहन होगा। गोरक्षपीठाधीश्वर विजयादशमी के दिन साधु-संतों के आपसी विवादों के समाधान के लिए दंडाधिकारी की भी भूमिका में होंगे।