उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले प्रत्येक ग्रामीण आवासहीन परिवार को घर उपलब्ध कराने की तैयारी की है। सरकार ने आवास प्लस योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 25.54 लाख आवास उपलब्ध कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। मई के अंत तक केंद्र से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक प्रत्येक परिवार को पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में 2011-12 के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर 14 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास उपलब्ध कराया जा चुका है। केंद्र ने 2011-12 के सर्वेक्षण में छूटे परिवारों को भी आवास उपलब्ध कराने के लिए आवास प्लस योजना लागू की है।
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इस योजना में प्रदेश के 32.86 लाख पात्र परिवार पाए गए थे। पहले चरण में गत वर्ष इनमें से 7.32 लाख परिवारों को आवास स्वीकृत कर दिया गया। अब ग्राम्य विकास विभाग ने शेष 25.54 लाख आवास इसी वर्ष स्वीकृत करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती ने भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को इस मसले पर पत्र लिखा है।
केंद्र से स्वीकृत मिलने पर यूपी 2022 तक सभी आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बन सकता है। इस योजना में एक आवास के लिए करीब 1 लाख 50 हजार रुपये प्रत्येक परिवार को दिए जाते हैं। इनमें 1.20 लाख आवास के लिए, 18 हजार मनरेगा मजदूरी और 12 हजार शौचालय के लिए दिए जाते हैं।