एनटीपीसी पर छाया कोयला संकट अब गहराता जा रहा है। पहले से ही आधे भार पर चल रही इकाइयों में से एक और इकाई को बंद करना पड़ा है। इसके पहले 500 मेगावाट की छठवीं यूनिट कोयले संकट के कारण पहले ही बंद की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि देश में कोयला संकट वर्तमान में काफ़ी गंभीर है, जिसका असर थर्मल पॉवर स्टेशन पर पड़ रहा है। रायबरेली में ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी के पॉवर प्लांट में इसका खासा असर हुआ और एक सप्ताह के अंदर दो इकाइयों में विद्युत उत्पादन बंद करना पड़ गया। शनिवार की देर रात 210 मेगावॉट की यूनिट 2 को कोयले की आपूर्ति न मिल पाने के कारण बंद किया गया। हालांकि इस संबंध में अधिकारी स्पष्ट कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
कुछ दिन पहले ही यूनिट 6 को बंद किया गया है। एनटीपीसी की ऊंचाहार इकाई के सभी छह यूनिट को सुचारू रूप से चलाने के लिए 30 हजार मीट्रिक टन कोयले की मांग प्रतिदिन की है, जबकि इसके सापेक्ष इस समय मात्र 10 हजार मीट्रिक टन कोयला ही उपलब्ध हो पा रहा है।
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जिससे इन इकाइयों की विद्युत उत्पादन क्षमता पर गंभीर असर पड़ा है। अब इस पॉवर प्लांट में 1550 मेगावाट की जगह मात्र 750 मेगावॉट ही उत्पादन हो पा रहा है। अपने भार से कम बिजली बनाने का असर हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान व दिल्ली में देखने को मिल रहा है, जहां के लिए यहां से सीधे बिजली सप्लाई हो रही थी।औद्योगिक क्षेत्र में भी इसका असर हुआ है और कई फैक्ट्रियां आधे उत्पादन करने को विवश हैं।
एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा के अनुसार दो इकाइयों को बंद किया गया है। उत्तरी ग्रिड की मांग पर बिजली उत्पादन बढ़ाया जाएगा।