सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर के मोची रामचेत (Cobbler Ramchet) अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हुई एक मुलाकात ने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया है। या फिर यूं कहें कि उनकी किस्मत खुल गई है। उन्हें लगातार लोगों से प्रोत्साहन मिल रहा है। इस बीच वो अब एक नए ब्रांड की शुरुआत करने की तैयारी में हैं। वो ‘रामचेत मोची’ नाम का ब्रांड लॉन्च करने जा रहे हैं।
रामचेत (Cobbler Ramchet) मानते हैं कि उनकी इस कामयाबी के रास्ते पर चलने में राहुल गांधी की अहम भूमिका रही है। दरअसल, राहुल गांधी उनकी दुकान पर पहुंचे थे। उनसे जूते भी लिए थे। पिछले महीने राहुल गांधी ने उन्हें दिल्ली में 10 जनपथ बुलाकर मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी से भी मिलवाया था। इस दौरान रामचेत ने अपने हाथ से बनाए जूते वहां दिखाए थे।
मोची से बिजनेसमैन बनें रामचेत (Cobbler Ramchet)
यही नहीं, राहुल गांधी ने उन्हें जूते बनाने में मददगार एक मशीन भी तोहफे में दी थी। हाल ही में राहुल गांधी रामचेत को लेकर मुंबई गए थे, जहां उन्होंने रामचेत की मुलाकात चमार स्टूडियो नाम के डिजाइन ब्रांड चलाने वाले सुधीर राजभर से करवाई थी। इस मुलाकात ने 60 साल के रामचेत के हौसले को बढ़ा दिया था। अब वो खुद को एक मोची के तौर पर न देखकर एक बिजनेसमैन के तौर पर देखने लगे हैं।
‘हेलो चेतराम जी कोई दिक्कत तो नहीं?, राहुल गांधी ने मोची को फोन कर पूछा हालचाल
रामचेत (Cobbler Ramchet) बिजनेसमैन राजभर के आइडिया से पूर्ण रूप से प्रभावित दिखे, जिनका कारोबार पूरी दुनिया में फैला है। रामचेत ने कहा, ‘मैंने राजभर के यहां नए-नए डिजाइन देखे। उसमें मशीन से बने बैग और सैंडल भी मौजूद थे। राहुल गांधी और सुधीर राजभर ने मेरे काम की सराहना की। साथ ही मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।’ रामचेत अब अपने बेटे को अपने काम में सहयोग के लिए काम सिखा रहे हैं, ताकि वो ब्रांड बनाने और उसे बेहतर तरीके से चलाने नें मदद कर सके।
अब हर महीने कमा रहे हजारों
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद से ही उनका बिजनेस बढ़ रहा है। इसके लिए उन्होंने किराए पर एक दुकान भी ली है। इसी दुकान में उन्होंने मशीन लगाई है। अब वो यहां दो-तीन कारीगरों के साथ काम करते हैं। साथ में उनका बेटा भी यहां पर ट्रेनिंग करता है। पहले वो सिर्फ 100-150 रुपए कमाते थे। अब हर महीने उनकी कमाई हजारों में पहुंच रही है।