उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि निगरानी समितियों को प्रवासी कामगारों की स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी सौंपी जाए। आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमन्द लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराया जाए।
सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निजी एम्बुलेन्स चालक अथवा प्राइवेट अस्पताल द्वारा लोगों का शोषण न होने पाए। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए निजी एम्बुलेन्स का किराया निर्धारित किया जाए। प्रत्येक प्राइवेट अस्पताल द्वारा स्वास्थ्य विभाग की निर्धारित दर पर ही मरीजों से शुल्क लिया जाए। मण्डल के सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। RTPCR रैपिड एण्टीजन तथा टूनैट टेस्ट की संख्या बढ़ायी जाए।
श्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि दुनिया इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रही है। विकसित देशों का हेल्थ सिस्टम ध्वस्त होता दिखा है। लेकिन मानवता अपने सामूहिक प्रयासों से महामारी को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर देगी। कोरोना महामारी की द्वितीय लहर व किसी अन्य सम्भावित चुनौती का मुकाबला करने के लिए केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार, जनप्रतिनिधिगण एवं हमारी प्रशासनिक मशीनरी, हेल्थ वर्कर्स सहित अन्य कोरोना वाॅरियर्स मजबूती से अपने कार्याें को सम्पादित कर रहे हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना की प्रथम लहर की तुलना में द्वितीय लहर में संक्रमण दर 30 से 50 गुना अधिक है। अतः हमें कोरोना से संक्रमित लोगों की तत्काल पहचान करते हुए उनके उपचार की समुचित व्यवस्था करनी होगी। इसी क्रम में प्रदेश में प्रतिदिन सवा दो लाख से ढाई लाख कोविड टेस्ट किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम निगरानी समिति एवं सभी शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति गठित की गयी हैं, जो स्क्रीनिंग के कार्याें को निष्पादित कर रही हैं। विगत 05 मई से सभी ग्राम निगरानी समितियों द्वारा प्रदेशव्यापी विशेष स्क्रीनिंग अभियान प्रारम्भ किया गया है।
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इस कार्य हेतु उन्हें इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीजन, मास्क एवं हैण्ड ग्लव्स प्रदान किये गये हैं। निगरानी समिति लक्षणयुक्त व संदिग्ध मामलों की पहचान कर रही हैं तथा संदिग्ध लोगों तक रैपिड रिस्पाॅन्स टीम पहुंचकर उनका कोविड परीक्षण कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर निगरानी समितियां लक्षणयुक्त लोगों को तत्काल मेडिकल किट प्रदान कर रही हैं, ताकि उनका उपचार तत्काल प्रारम्भ हो सके।